Bhopal. मध्यप्रदेश सरकार ने 3 जिलों के कलेक्टर और 4 जिलों के एसपी का ट्रांसफर किया है। खरगोन दंगों के बाद कलेक्टर और एसपी दोनों को हटा दिया गया है। कुमार पुरुषोत्तम खरगोन के नए कलेक्टर होंगे। तरुण भटनागर निवाड़ी और नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी रतलाम के कलेक्टर होंगे। सरकार ने 4 एसपी के तबादले भी किए हैं। खरगोन एसपी सिद्धार्थ चौधरी को पीएचक्यू भोपाल में पदस्थ किया गया है। सतना एसपी धर्मवीर सिंह को खरगोन जिले की कमान दी गई है। सिवनी कांड की गाज एसपी कुमार प्रतीक पर गिरी है। बीजेपी के जांच दल की रिपोर्ट में पुलिस की लापरवाही सामने आई थी।
खरगोन, रतलाम और निवाड़ी के कलेक्टर बदले। कुमार पुरुषोत्तम- खरगोन, नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी- रतलाम, तरुण भटनागर- निवाड़ी के नए कलेक्टर।@BJP4MP @INCIndia pic.twitter.com/hzaPnMBsin
— TheSootr (@TheSootr) May 14, 2022
खरगोन SP सिद्धार्थ चौधरी PHQ भोपाल में पदस्थ
इसके अलावा झाबुआ के एसपी आशुतोष को सतना का एसपी बनाया गया है। खरगोन एसपी सिद्धार्थ चौधरी को भी पीएचक्यू भोपाल में पदस्थ किया गया है। सतना एसपी धर्मवीर सिंह को खरगोन जिले की कमान दी गई है। अरविंद तिवारी को झाबुआ का नया एसपी बनाया गया है। इसके अलावा जो राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों के भी तबादले किए गए हैं। मनीष खत्री को ASP खरगोन और नीरज चौरसिया को AIG पीएचक्यू पदस्थ किया गया है।
सरकार ने 4 जिलों के एसपी बदले। सिवनी के एसपी कुमार प्रतीक पीएचक्यू भोपाल में पदस्थ। झाबुआ,खरगोन, सतना के एसपी भी बदले।@DGP_MP @JansamparkMP @BJP4MP @INCIndia pic.twitter.com/IAlmZRiz8Q
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मॉब लिंचिंग में हुई थी 2 आदिवासियों की हत्या
सिवनी के सिमरिया गांव में 3 और 4 मई की दरमियानी रात को कुछ लोगों ने आदिवासियों के साथ मारपीट की थी। आदिवासियों पर गौ मांस बेचने का आरोप लगाया गया था। इस घटना में संपत और धानसा की हत्या हुई थी। वहीं ब्रजेश घायल हुआ था। पुलिस ने इस मामले में हत्या के साथ ही एससी-एसटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया था। साथ ही गिरफ्तारी भी की गई। कांग्रेस ने इसे मुददा बनाते हुए बजरंग दल कार्यकर्ताओं पर गौवंश वध की आशंका में आदिवासियों से मारपीट के आरोप लगाए थे। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल ने घटनास्थल पर पहुंचकर इसे सरकार की नाकामी बताते हुए इसमें बजरंग दल कार्यकर्ताओं पर आदिवासियों की हत्या का आरोप लगाया था। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भी आदिवासी विधायकों की मौजूदगी में पार्टी का जांच दल सिवनी भेजा था जिसे आदिवासियों की नाराजगी का सामना करना पड़ा था।