भोपाल. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ऑनलाइन गेम्स पर कानून बनाने की बात कही है। 13 जनवरी को उन्होंने कहा कि ऑनलाइन गेम्स गंभीर विषय है। फायर गेम्स के चलते दुखद घटनाएं हो रही हैं। इन पर लगाम लगाने के लिए हम (मध्य प्रदेश सरकार) ऑनलाइन गेम्स का एक्ट लेकर आ रहे हैं। ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। बहुत जल्द ही इसे मूर्त रूप देंगे। 12 जनवरी को ही भोपाल में 5वीं के स्टूडेंट ने फांसी लगाकर जान दे दी। पेरेंट्स का कहना है कि बच्चा मोबाइल में फ्री फायर गेम खेलने का आदी था। ट्वीट
ये है मामला: भोपाल में 5वीं के स्टूडेंट ने फांसी लगाकर जान दे दी। घटनास्थल से सुसाइड नोट नहीं मिला। माता-पिता का कहना है कि बच्चा मोबाइल में फ्री फायर गेम खेलने का आदी था। पेरेंट्स ने पुलिस को बताया कि मोबाइल के अलावा टीवी में भी वह गेम खेलता था। ऑनलाइन गेम का इतना शौकीन था कि उसने गेम फाइटर की ड्रेस भी खुद ही ऑनलाइन मंगाई थी।
जानकारी के मुताबिक, भोपाल के शंकराचार्य नगर बजरिया में रहने वाले योगेश ओझा चश्मे की दुकान चलाते हैं। उनका 11 साल का इकलौता बेटा सूर्यांश सेंट जेवियर स्कूल में पांचवीं में पढ़ता था। 12 जनवरी की दोपहर वह चचेरे भाई आयुष (21) के साथ दूसरी मंजिल के कमरे में बैठकर टीवी में फिल्म देख रहा था। इसी बीच, आयुष किसी काम से नीचे आ गया। थोड़ी देर बाद योगेश के भाइयों के बच्चे तीसरी मंजिल की छत पर पहुंचे। जहां, बॉक्सिंग रिंग में रस्सी के फंदे पर सूर्यांश लटका मिला। उन्होंने तुरंत घर के सदस्यों को बताया। परिजन तुरंत ही उसे निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। तब तक देर हो चुकी थी। डॉक्टर ने चेक करते ही उसे मृत घोषित कर दिया।
सूर्यांश के मोबाइल की जांच करेगी पुलिस: पिता योगेश ने पुलिस को बताया कि वह मोबाइल में फ्री फायर गेम खेलता था। इसके अलावा जब कभी टीवी देखता था, वह गेम वाले सीरियल ही देखता था। वह गेम में ज्यादा समय बिताता था। पुलिस सूर्यांश के मोबाइल की भी जांच करेगी, जिससे यह पता चले कि कहीं उसे गेम में टारगेट तो नहीं दिया गया। योगेश के 3 भाई हैं। उनकी जॉइंट फैमिली है।
बच्चे ने पहले भी की थी कोशिश: पुलिस के मुताबिक, करीब 3 महीने पहले भी सूर्यांश ने सुसाइड की कोशिश की थी। वह फांसी लगाने की तैयारी कर रहा था, इससे पहले मां पहुंच गई। उन्होंने उसे बचा लिया। इस पर मां ने उसे डांट भी लगाई थी। सूर्यांश अधिकतर अपने दादा का ही मोबाइल लेता था।