भोपाल.मध्य प्रदेश भारत के टॉप 3 राज्यों में आता है, जहां सबसे ज्यादा सुसाइड के मामले दर्ज किए जाते हैं। हर साल के मुकाबले इस साल भी संख्या में इजाफा देखा गया। साल 2019 के मुकाबले सुसाइड के मामलों में 17 फीसदी बढ़ोत्तरी हुई । प्रदेश में 2020 में सुसाइड के 14 हजार 578 मामले सामने आए, जबकि 2019 में 12 हजार 457 लोगों ने सुसाइड किया। सबसे ज्यादा मौतें छात्रों की हुई हैं।
भोपाल में सबसे ज्यादा मामले
MP में 5 हजार 579 छात्रों ने सुसाइड किया है। इनमें स्कूली और कॉलेज के छात्र सबसे ज्यादा है। प्रदेश में भोपाल में सुसाइड के मामले में 17.8% बढ़े, जबकि इंदौर में 4.2 %, जबलपुर में 19.9% केस में कमी आई। प्रदेश में 2020 में 9 हजार 663 पुरुष जबकि 4 हजार 915 महिलाओं ने सुसाइड किया।
टॉप 5 राज्यों में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश
देश की बात करें तो आत्महत्या के सर्वाधिक मामले महाराष्ट्र में दर्ज किए गए। तमिलनाडु, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक भी लिस्ट में शामिल है। तमिलनाडु में 11 % मामले दर्ज किए गए, मध्यप्रदेश में 9.5%, पश्चिम बंगाल में 8.6% और कर्नाटक में 8 % मामले दर्ज किए गए।
स्कूली छात्र सुसाइड के शिकार
बात अगर मध्यप्रदेश की जाए तो 2020 में 5वीं से 10वीं कक्षा तक पढ़ने वालों में 2 हजार 887 छात्रों ने सुसाइड किया। 1 हजार 994 छात्र जबकि 943 छात्राएं हैं। 10 वीं से 12वीं के बीच 2045 छात्रों ने खुदकुशी की है। इस तरह स्नातक, स्नातकोत्तर के 553 छात्र वहीं, डिपलोमा के 144 छात्र है।