गणेश दुनगे,Burhanpur. बुरहानपुर में ताप्ती नदी का सीना छलनी कर धार और किनारों को खोद कर रेत निकाल रहे माफिया जिले के प्रशासनिक अफसरों को नजर नहीं आते, जबकि ताप्ती के लगभग हर घाट पर दिन रात रेत का अवैध खनन और ट्रैक्टरों से इसका परिवहन जारी है। जाहिर है ऐसा तभी हो सकता है जब रेत माफिया को जिम्मेदार अफसरों से मौन स्वीकृति मिली हो। मोटर लगी नावों के जरिए बीच धार से रेत निकाल कर घाटों में एकत्र की जाती है। यहां से ट्रैक्टर ट्रालियों में भरकर ठिकानों तक पहुंचाई जा रही है। रेत के अवैध खनन से प्रशासन को रोजाना लाखों रुपये के राजस्व की भी चपत लग रही है। शहर के विभिन्न मार्गों में दिनभर दौड़ रहे रेत से भरे ट्रैक्टर भी अधिकारियों को नजर नहीं आ रहे हैं। कभी कभार इक्का दुक्का ट्रैक्टरों को पकड़ कर अधिकारी अपनी पीठ थपथपा लेते हैं।
पांच सिंडीकेट वसूल रहे राशि
रेत के अवैध कारोबार से जुड़े लोगों की मानें तो वर्तमान में रेत खदान का ठेका समाप्त हो चुका है और सभी जगह चल रहा खनन अवैध रूप से जारी है। रेत माफिया ने पांच सिंडीकेट बना रखे हैं। इनमें एक नागझिरी व तोता मैना घाट, दूसरा राजघाट व जैनाबाद, तीसरा हतनूर व बोहरड़ा, चौथा पांचपुल व घोड़ा घाट और पांचवां सिरसोदा व नाचनखेड़ा सिंडीकेट है। प्रत्येक सिंडीकेट का एक ट्रैक्टर मालिक अन्य लोगों से रकम एकत्र करता है और संबंधितों तक पहुंचाता है।
नदी का स्वरूप तक बदला
रेत के लिए खोदे जा रहे ताप्ती के घाटों ने कई जगह नदी का स्वरूप ही बदल डाला है। इसके पाट की चौड़ाई अप्रत्याशित रूप से बढ़ गई है। जिससे आने वाले समय में प्राकृतिक आपदा का खतरा बढ़ने से इनकार नहीं किया जा सकता। एनजीटी ने अधिकृत ठेकेदारों को भी नदी के प्राकृतिक स्वरूप में परिवर्तन और बीच धार से रेत निकालने के लिए प्रतिबंधित किया हुआ है। मूल रूप से इस पर रोक लगाने वाला खनिज विभाग मौन साधे हुए हैं।
शाहपुर में तीन ट्रालियां पकड़ी
शनिवार को शाहपुर थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन ट्रैक्टर ट्रालियां पकड़ी हैं। थाना प्रभारी गिरवर सिंह जिलोदिया ने बताया कि तीनों ट्रालियों में अवैध रेत भरी हुई थी। कागजात मांगने पर चालक नहीं दिखा पाए। सभी को थाने में खड़ा करा प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है।