Bhopal. गर्भपात (abortion) कराने के नियमों में बदलाव होने के बाद राज्य सरकार ने संभागीय मेडिकल बोर्ड (Divisional Medical Board) का गठन किया है। बोर्ड परीक्षण के बाद विशेष श्रेणी की महिलाओं को 6 माह तक का गर्भपात करने की अनुमति दे सकेगा। इस बोर्ड में संभागीय मुख्यालय के सरकारी मेडिकल कॉलेज की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, विभागाध्यक्ष शिशु रोग, विभागाध्यक्ष रेडियोडायग्नोसिस, विभागाध्यक्ष जनरल सर्जरी पैथोलॉजी शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने गर्भ का चिकित्सकीय समापन (संशोधन) नियम, 2021 जारी किया है। इसके अनुसार गर्भ की समय सीमा को 20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 सप्ताह (पांच महीने से बढ़ाकर छह महीने) कर दिया गया है।
विशेष श्रेणी में ये आएंगी महिलाएं
विशेष श्रेणी की महिलाओं में यौन उत्पीड़न या बलात्कार या कौटुंबिक व्यभिचार की शिकार, नाबालिग, ऐसी महिलाएं जिनकी वैवाहिक स्थिति गर्भावस्था के दौरान बदल गई हो (विधवा हो गयी हो या तलाक हो गया हो) और दिव्यांग महिलाएं, मानसिक रूप से बीमार महिलाओं, भ्रूण में ऐसी कोई विकृति या बीमारी हो जिसके कारण उसकी जान को खतरा हो या फिर जन्म लेने के बाद उसमें ऐसी मानसिक या शारीरिक विकृति होने की आशंका हो जिससे वह गंभीर विकलांगता का शिकार हो सकता है, सरकार द्वारा घोषित मानवीय संकट ग्रस्त क्षेत्र या आपदा या आपात स्थिति में गर्भवती महिलाओं को भी शामिल किया गया है।
तीन दिन में देना होगी अनुमति
मेडिकल बोर्ड का काम होगा, अगर कोई महिला उसके पास गर्भपात का अनुरोध लेकर आती है तो उसकी और उसके रिपोर्ट की जांच करना और आवेदन मिलने के तीन दिनों के भीतर गर्भपात की अनुमति देने या नहीं देने के संबंध में फैसला सुनाना है। बोर्ड का काम यह ध्यान रखना भी होगा कि अगर वह गर्भपात कराने की अनुमति देता है तो आवेदन मिलने के पांच दिनों के भीतर पूरी प्रक्रिया सुरक्षित तरीके से पूरी की जाए और महिला की उचित काउंसिलिंग की जाए।