BHOPAL. मौसम विभाग ने अपने मौजूदा तौर तरीकों में बड़ा बदला किया है। मौसम केंद्रों द्वारा सर्दी के मौसम से ये बदलाव लागू होंगे। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अब इलाकेवार मौसम का पूर्वानुमान बताएगा। यानी अब एक जिले (बड़े शहर) को कई छोटे हिस्सों में बांटा जाएगा और इन छोटे-छोटे हिस्सों के मौसम का अध्ययन अलग-अलग किया जाएगा, जिसके आधार पर हर छोटे इलाके का पूर्वानुमान जारी किया जाएगा। इसकी शुरुआत भोपाल से की गई है। प्रदेश के 5 शहरों को इसके लिए चयनित किया गया है। इसके लिए भोपाल के शहरी और ग्रामीण इलाके को 6 हिस्सों में बांटा गया है।
मीजो-स्केल मॉडल तकनीक का होगा प्रयोग
अब से गर्मी, बारिश और सर्दी का पूर्वानुमान इसी तरीके से बताया जाएगा। उदाहरण के तौर पर, अब भोपाल का पूर्वानुमान ऐसे जारी होगा कि कोलार में कोहरा छाएगा, बैरागढ़ में विजिबिलिटी कम रहेगी या अरेरा हिल्स में शीतलहर चलेगी या फिर दूसरे हिस्से में क्या बदलाव होंगे। इससे पहले ऐसा नहीं होता था। मौसम विभाग केवल भोपाल क्षेत्र का पूर्वानुमान बताता था। इससे क्षेत्र विशेष की पक्की जानकारी नहीं मिल पाती थी। सबसे पहले इसकी शुरुआत भोपाल से होगी। इसके लिए भोपाल को 6 हिस्सों में इस तरह बांटा गया है। कोलार को दक्षिण, नवी बाग को उत्तर मध्य क्षेत्र, अरेरा हिल्स को मध्य क्षेत्र, बैरागढ़ को दक्षिण पश्चिम, बैरसिया को उत्तर क्षेत्र और नरेला को दक्षिण पूर्व बनाया गया है। जल्द ही ये व्यवस्था प्रदेश के अन्य 5 शहरों में लागू होगी। मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह ने कहा कि इनके पूर्वानुमान के लिए जीआईएस प्लेटफॉर्म पर आधारित मीजो-स्केल मॉडल का उपयोग किया जाएगा। साथ ही मध्यमस्तरीय पूर्वानुमान मॉडल का प्रयोग पहले की तहर जारी रहेगा।
इन मापदंडों के आधार पर हुआ क्षेत्रों का बटवारा
मीडिया से बात करते हुए अर्बन मेट्रोलॉजिकल सर्विसेस के नोडल ऑफिसर वेद प्रकाश सिंह ने कहा कि अर्बन मेट्रोलॉजिकल सर्विसेस (नगरीय मौसम सेवाओं) के तहत व्यवस्था में ये बदलाव किए गए हैं। इसमें किसी भी इलाके विशेष को वार्ड या फिर सेक्टर में बांटा गया है, जो क्लाइमेटोलॉजिकल (जलवायुविक) और अर्बन ज्योग्राफी (नगर-भूगोल) की दृष्टि से समान लक्षण वाले होंगे। भोपाल का ये बटवारा जनसंख्या घनत्व, मौसम वेधशालाओं और भौगोलिक समानता की उपलब्धता के आधार पर किया गया है। इन मापदंडों पर ही पूर्वानुमान जारी होगा। मौसम के जानकारों की मानें तो ये बदलाव जिलों में मौसम के आसमान वितरण के कारण किया गया है। लंबे समय से इस बात को महसूस किया जा रहा है कि सर्दी के मौसम में कहीं कोहरा छा जाता है तो कहीं विजिबिलिटी कम हो जाती और कहीं शीत लहर चलती है। यानी कई बार हर इलाके में मौसम के हाल अलग-अलग होते हैं। इसलिए एरिया स्पेसिफिक फोरकास्ट से सटीकता आएगी।