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भोपाल. शिवराज सरकार 15 नवंबर को भोपाल में जनजातीय गौरव दिवस (Tribal Pride Day) के मौके पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम कर रही है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) शिरकत करेंगे। मोदी का कार्यक्रम करीब-करीब तय हो गया है। PM करीब 3 घंटे भोपाल में रहेंगे। शहीद बिरसा मुंडा की जयंती पर जंबूरी मैदान में होने वाले जनजातीय महासम्मेलन (Tribal Convention) में प्रदेश के करीब 2 लाख आदिवासियों को लाने की तैयारी है। भोपाल प्रवास के दौरान मोदी पुननिर्मित (Renovate) वर्ल्ड क्लास हबीबगंज रेलवे स्टेशन (Habibganj Railway Station) का लोकार्पण करेंगे। मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यपाल मंगूभाई पटेल के अलावा 13 आदिवासी नेता मौजूद रहेंगे।
प्रदर्शनी भी देखेंगे मोदी
कार्यक्रम के मुताबिक, जंबूरी मैदान में मोदी 12 बजे से 2 बजे तक रहेंगे। यहां स्वसहायता समूहों के उत्पादों (Products) की प्रदर्शनी लगाई जा ही है। प्रधानमंत्री इसे देखेंगे। सिंगर कैलाश खेर और चेन्नई के पारंपरिक मांदल पर शिवमणि की प्रस्तुति भी होगी। मोदी यहां से दोपहर 2 बजे हबीबगंज स्टेशन रवाना हो जाएंगे।
मप्र का ऊर्जा साक्षरता मिशन
सोलर ऊर्जा (Solar Energy) के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने के लिए मप्र सरकार ऊर्जा साक्षरता मिशन शुरू करने जा रही है। मोदी इसकी भी शुरुआत करेंगे। अभियान के तहत प्रदेश में स्कूल-कॉलेज स्टूडेंट्स को सौर ऊर्जा के बारे में आधारभूत जानकारी दी जाएगी, ताकि बच्चे ऊर्जा संरक्षण और जलवायु परिवर्तन को लेकर बचपन से जागरूक बन सकें। सरकार का दावा है कि यह अपने किस्म का विश्व में पहला अभियान होगा।
स्किल सेल मिशन की भी शुरुआत
प्रधानमंत्री राज्य स्किल सेल मिशन के पायलट प्रोजेक्ट की भी शुरुआत करेंगे। इस दौरान पहले रोगी का ब्लड सैंपल लिया जाएगा। स्किल सेल एक जेनेटिक बीमारी है। सामान्य रूप में हमारे शरीर में लाल रक्त कण (Red Blood Corples) प्लेट की तरह चपटे और गोल होते हैं। यह रक्त वाहिकाओं में आसानी से आवाजाही कर पाते हैं। यदि जीन्स असामान्य हैं तो इसके कारण लाल रक्त कण प्लेट की तरह गोल न होकर अर्धचंद्राकार होते हैं। इस वजह से यह रक्त वाहिकाओं में ठीक तरह से दौड़ नहीं पाते, जिससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। इसके कारण मरीज को एनीमिया की समस्या होती है। आदिवासियों में यह रोग तेजी से पनप रहा है।
4 जातियों पर रहेगा फोकस
सूत्रों के मुताबिक, जनजातीय कार्यक्रम में आदिवासियों की गोंड, भील, कोल और सहरिया को ज्यादा संख्या में बुलाने का फैसला किया गया है। आदिवासियों को 14 नवंबर को विदिशा, रायसेन, सांची और सीहोर में ठहराया जाएगा। 15 नवंबर को कार्यक्रम स्थल पर लाया जाएगा।
मिशन 2023 की तैयारी
मोदी के दौरे को भी आदिवासियों को 2023 के चुनाव के लिए लुभाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। वजह यह है कि राज्य में 43 समूहों वाले आदिवासियों की आबादी 2 करोड़ से ज्यादा है, जो 230 में से 84 विधानसभा सीटों पर असर डालती हैं। मप्र में 2018 के विधानसभा चुनाव में BJP को आदिवासियों ने बड़ा नुकसान पहुंचाया था।