गणेश दुनगे, BURHANPUR. बुरहानपुर में गुजरात और राजस्थान की तरह गौवंश में लम्पी वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। गौपालकों का दावा है कि झिरी गांव में अब तक 300 से ज्यादा गाय इससे ग्रसित हो चुकी हैं, कुछ गायों ने दम भी तोड़ दिया है। जिला प्रशासन पशुपालन विभाग के हवाले से जिले में 50 गाय के लम्पी वायरस के संदिग्ध होने की बात कह रहा है।
गुजरात से मंगाए गए हैं टीके
कलेक्टर ने स्वीकारा कि ये आंकड़ा 100 से ज्यादा हो सकता है। जिला प्रशासन ने गुजरात से इस वायरस के प्रकोप को कम करने के लिए टीके बुलाए हैं जिनके आते ही मवेशियों पर टीकारण शुरू कर दिया जाएगा। गौपालकों ने शासन-प्रशासन से मुआवजे की मांग की है।
गौपालकों ने की मुआवजे की मांग
जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर झिरी गांव में गौपालकों की 300 से ज्यादा गाय लंपी वायरस की चपेट में हैं। गौपालकों ने बताया कि 15 दिन से इसका असर बढ़ गया है। कई गायों की मौत हो गई है। गौपालकों का आरोप है कि प्रशासन से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। लंपी वायरस की वजह से दूध की सप्लाई बंद हो गई है। गौपालकों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। गौपालकों ने प्रशासन से गायों का इलाज कराने और मुआवजे की मांग की है।
लंपी वायरस के लक्षण
लंपी वायरस गौवंश को संक्रमित करने वाली बीमारी है। ये संकर नस्ल की गायों में ज्यादा फैल रही है। इस वायरस की चपेट में आने पर पशु को बुखार आ जाता है। शरीर में कई जगहों पर गांठें बन जाती हैं। इसके बाद गांठें पककर फोड़े में बदल जाती हैं। लंपी वायरस एक पशु से दूसरे पशु तक मच्छर, मक्खी और पशुओं का खून चूसने वाले कीड़ों की वजह से फैलता है। ये वायरस दूषित आहार और पानी से भी हो सकता है। इस वायरस से संक्रमित पशु के घाव ठीक होने में काफी वक्त लेते हैं।
पशुओं को लंपी वायरस से बचाने के उपाय
लंपी वायरस से संक्रमित पशु का इलाज लक्षण के आधार पर किया जाता है। अगर किसी पशु में लंपी के लक्षण पाए जाते हैं तो उसे फौरन दूसरे पशुओं से दूर कर देना चाहिए। जिस जगह पर पशु रहते हैं, वहां पर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। लंपी के लक्षण दिखाई देने पर फौरन पशु चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।