BHOPAL: राजनीति में बड़ा मुकाम पाने का जरिया है निकाय चुनाव, 15 फीसदी से ज्यादा विधायकों का इससे ताल्लुक

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BHOPAL: राजनीति में बड़ा मुकाम पाने का जरिया है निकाय चुनाव, 15 फीसदी से ज्यादा विधायकों का इससे ताल्लुक

BHOPAL. नगरीय निकाय चुनाव (urban body elections) में टिकट के लिए मारामारी, पहले दावेदारी, फिर उम्मीदवारी और यदि टिकट न मिली तो बागी बनकर मैदान मारने की तैयारी। मेयर (mayor) या अध्यक्ष (president) बनने के अलावा एक अदद पार्षद (councilor) पद के लिए इतना घमासान। निकाय चुनाव में ऐसा कुछ तो है जो इसे इतना खास बनाता है। दरअसल निकाय चुनाव राजनीति में आगे बढ़ने की पहली सीढ़ी मानी जा सकती है। कई विधायक, मंत्री यहां तक कि केंद्रीय मंत्री ऐसे हैं जो पहले पार्षद तक रह चुके हैं। और यही कारण है कि इन चुनावों के जरिए नेता लोकल जमीन से सियासी आसमान तलाश करते हैं। मौजूदा विधानसभा में 38 विधायक यानी 15 फीसदी से ज्यादा ऐसे हैं जिनका संबंध निकाय राजनीति से रहा है। 



भोपाल की सात विधानसभा सीटों में पांच विधायकों का निकाय राजनीति से ताल्लुक -




  • गोविंदपुरा - यहां की विधायक कृष्णा गौर भोपाल की मेयर रह चुकी हैं। 


  • दक्षिण पश्चिम - यहां के विधायक और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा पार्षद रहे हैं। 

  • हुजूर - यहां के विधायक रामेश्वर शर्मा ने पार्षद रहते हुए जमकर राजनीति की है। 

  • नरेला - यहां के विधायक और वर्तमान मंत्री विश्वास सारंग भी पार्षद रह चुके हैं। 

  • बैरसिया - यहां के विधायक विष्णु खत्री भी भोपाल नगर निगम में पार्षद रहे हैं। 




  • मेयर उम्मीदवारों का इस राजनीति से वास्ता 



    भोपाल की मेयर पद की बीजेपी और कांग्रेस की दो प्रमुख उम्मीदवारों का वास्ता भी भोपाल नगर निगम से रहा है। इनको भी यहीं से राजनीति में आगे बढ़ने का रास्ता नजर आ रहा है। बीजेपी की मेयर उम्मीदवार मालती राय एक बार पार्षद रह चुकी हैं। वहीं कांग्रेस की महापौर कैंडिडेट विभा पटेल पहले भी बीएमसी की महापौर रह चुकी हैं। 



    दिग्गज नेता भी रहे हैं पार्षद और नपा अध्यक्ष 




    • बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों के कई दिग्गज नेता भी पहले निकाय चुनाव की राजनीति कर चुके हैं। ये वे नेता हैं जिनकी राष्ट्रीय स्तर पर छवि है। 


  • दिग्विजय सिंह- पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह का भी निकाय से नाता रहा है। दिग्विजय सिंह 1969-1971 में राधौगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष रहे हैं। 

  • नरेंद्र सिंह तोमर- बीजेपी के दिग्गज नेता केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी अपनी राजनीति की शुरुवात पार्षद के रूप में की है। 

  • गोपाल भार्गव- रहली से आठ बार के विधायक और वर्तमान में मंत्री गोपाल भार्गव 1980 में नगर परिषद गढ़ाकोटा के पहले अध्यक्ष बने थे। 

  • डॉ गोविंद सिंह- पूर्व मंत्री और लहार से सात बार के विधायक और वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह 1985-1987 में लहार नगर पालिका के अध्यक्ष रहे हैं। 

  • कैलाश विजयवर्गीय- बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी इंदौर नगर निगम में पार्षद और मेयर रह चुके हैं। 



  • -जो नगरीय निकाय राजनीति से विधानसभा पहुंचे- 38 मौजूदा विधायक



    -कुल विधायकों में 15 फीसदी का संबंध नगरीय निकाय से



    -बीजेपी -26 विधायक



    -कांग्रेस-12 विधायक



    मौजूदा विधानसभा के इन नेताओं ने भी तय किया नगरीय निकाय से विधायक तक का सफर




    • रक्षा सरौनिया — बीजेपी — पार्षद


  • जजपाल सिंह जज्जी — बीजेपी — अध्यक्ष, नगर परिषद, अशोक नगर

  • महेश राय — बीजेपी — अध्यक्ष, नगर पालिका, बीना

  • प्रदीप लारिया — बीजेपी — पार्षद, सागर

  • राकेश गिरी — बीजेपी — अध्यक्ष, नगर परिषद टीकमगढ़ 

  • हरिशंकर खटीक — बीजेपी — अध्यक्ष, नगर पंचायत पलेरा

  • विक्रम सिंह — बीजेपी — अध्यक्ष, नगर परिषद रामपुर बघेलान

  • नागेंद्र सिंह गुढ़ — बीजेपी — अध्यक्ष, नगरपालिका रीवा

  • रामलल्लु वैश्य — बीजेपी — महापौर, नगर निगम सिंगरौली 

  • संदीप जायसवाल — बीजेपी — कटनी नगर के महापौर और पार्षद

  • दिनेश राय मुनमुन — बीजेपी — पार्षद, नगर पंचायत, लखनादौन

  • विजयपाल सिंह — बीजेपी — उपाध्यक्ष, नगर पालिका होशंगाबाद

  • लीना जैन — बीजेपी — अध्यक्ष, नगरपालिका गंजबसौदा

  • ​हरिसिंह सप्रे — बीजेपी — पार्षद कुरवई

  • विष्णु खत्री — बीजेपी — पार्षद, भोपाल नगर निगम 

  • विश्वास सारंग — बीजेपी — पार्षद, नगर निगम भोपाल

  • कृष्णा गौर — बीजेपी — मेयर, नगर निगम भोपाल

  • रामेश्वर शर्मा — बीजेपी — पार्षद, नगर निगम भोपाल

  • आशीष शर्मा — बीजेपी — पार्षद, नगर पंचायत,कन्नौद

  • देवेंद्र वर्मा — बीजेपी — पार्षद, नगर निगम,खंडवा

  • रमेश मेंदोला — बीजेपी — पार्षद, नगर निगम इंदौर

  • मालिनी गौड़ — बीजेपी — मेयर, नगर निगम इंदौर

  • उषा ठाकुर — बीजेपी — पार्षद, नगर निगम इंदौर

  • तुलसरी सिलावट — बीजेपी — पार्षद नगर निगम इंदौर

  • यशपाल सिंह सिसौदिया — बीजेपी — पार्षद, नगर पालिका, मंदसौर

  • राकेश मावई — कांग्रेस — पार्षद

  • सतीश सिकरवार — कांग्रेस — पार्षद

  • विक्रम सिंह नातीराजा — कांग्रेस — अध्यक्ष, नगर पंचायत खजुराहो 

  • नीलांशु चतुर्वेदी — कांग्रेस — अध्यक्ष, नगर परिषद चित्रकूट 

  • संजय यादव — कांग्रेस — पार्षद नगर निगम जबलपुर

  • विनय सक्सेना — कांग्रेस — पार्षद, जबलपुर नगर निगम 

  • पीसी शर्मा — कांग्रेस — पार्षद नगर निगम भोपाल

  • मुकेश रावत — कांग्रेस — पार्षद, नगर पालिका अलीराजपुर

  • प्रताप ग्रेवाल — कांग्रेस — अध्यक्ष, नगर पंचायत,सरदारपुर

  • संजय शुक्ला — कांग्रेस — पार्षद, नगर निगम इंदौर

  • हर्ष विजय गेहलोत — कांग्रेस — पार्षद, नगर परिषद सैलाना



  • निकाय से विधानसभा का रास्ता



    राजनीतिक विश्लेषक जयराम शुक्ला कहते हैं कि निकाय की राजनीति विधानसभा सीट के टिकट की कुंजी मानी जाती है। नगरीय निकाय में पद पर रहे नेता को विधानसभा चुनाव का दावेदार माना जाता है। इसका अहम पहलू ये भी है कि निकाय की राजनीति करने वालों का सीधा संबंध लोगों से होता है, ये उनकी तकलीफों से वाकिफ होते हैं। चूंकि वे जमीन की राजनीति करते हैं इसलिए लोगों से उनका सतत संपर्क रहता है, यहीं से उनकी कार्यशैली और व्यवहार उनको लोगों के बीच लोकप्रिय बनाता है। यही लोकप्रियता उनको राजनीति के बड़े स्तर पर ले जाती है। यही कारण है कि नगरीय निकाय चुनाव में टिकट के लिए इतना घमासान देखने को मिल रहा है। 



    प्रचार में कूदे बड़े नेता



    वरिष्ठ पत्रकार देव श्रीमाली कहते हैं कि नगरीय निकाय चुनाव की सीट सबसे बड़ी हॉट सीट बनी हुई है। इस बार एक नया नजारा भी देखने को मिला है। लोकल इलेक्शन अब नेशनल इलेक्शन बन गए हैं। पार्षद और महापौर के प्रचार के लिए आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रदेश में सभा कर चुके हैं। एआईएमआईएम प्रमुख असदउद्दीन ओवैसी अपनी पार्टी के पार्षदों के प्रचार के लिए प्रदेश की खाक छान चुके हैं। यही नहीं नगरीय निकाय के चुनाव प्रचार के लिए पहली बार सिंधिया घराने से कोई मैदान में उतरा है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रचार की कमान संभाले हुए हैं। वहीं कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ कांग्रेस को जिताने धुआंधार प्रचार कर रहे हैं। 

     


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