Jabalpur. जबलपुर में रविवार को हुई करीब 6 इंच बारिश ने देर रात से हल्का ब्रेक लिया है। हालांकि सोमवार की सुबह भी रिमझिम बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग ने बंगाल की खाड़ी में बने लो प्रेशर सिस्टम के चलते अगले दो दिनों तक मध्यप्रदेश में तेज बारिश का अनुमान जताया है।वहीं रविवार को हुई बारिश के चलते बरगी डैम के 17 गेट खुले होने से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे नर्मदा नदी अपने प्रचंड रूप में बह रही हैं।
नर्मदा तटों पर डूबी दुकानें
जबलपुर की बात की जाए तो यहां नर्मदा तटों पर नर्मदा का विहंगम रूप देखने को मिल रहा है। नर्मदा तट ग्वारीघाट पर जहां नर्मदा तटों पर बनी दुकानें जहां पूरी तरह से पानी में डूब गईं। तट पर बना नर्मदा मंदिर और नाग मंदिर पूरी तरह जलमग्न हैं तो वहीं तिलवारा घाट में नर्मदा का जलस्तर बड़े पुल से कुछ मीटर ही कम रहा। नर्मदा के तीव्र प्रवाह को देखते हुए प्रशासन अलर्ट पर है, नर्मदा तटों पर होमगार्ड का दल मोटरबोट से लगातार निगरानी कर रहा है वहीं नर्मदा के तटीय जिलों को भी आगाह कर दिया गया है।
परियट, खंदारी जलाशय भी ओवरफ्लो के करीब
इधर तेज बारिश ने शहर के जलप्रदाय स्त्रोत परियट और खंदारी जलाशय को भी लबालब कर दिया है। लगातार हुई बारिश के चलते परियट जलाशय जहां ओवरफ्लो हो गया वहीं खंदारी जलाशय भी पूरी तरह से लबालब हो चुका है अब थोड़ी बारिश में ही खंदारी जलाशय भी ओवरफ्लो हो सकता है।
इधर दमोह में सोनार नदी मचा रही कोहराम
दमोह जिले में लगातार हो रही बारिश के बाद वैसे तो सभी नदी नाले उफान पर हैं, लेकिन इस समय जो खबरें आ रही हैं उसमें सुनार नदी काफी कोहराम मचा रही है। इस नदी के उफान के आने के कारण गांव के कई घरों में पानी भर गया है। कुछ गांव ऐसे हैं जहां पर पूरे गांव में नदी का पानी घुस जाने से लोगों को मजबूरी में भागना पड़ रहा है। बटियागढ़ क्षेत्र के चैनपुरा गांव में सुनार नदी का पानी भर गया हैए लोग अपनी जरूरत का सामान लेकर यहां से घर छोड़कर भाग रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ पथरिया क्षेत्र के पिपरिया लोहारा गांव में भी पानी भर गया है। यहां पर भी लोग काफी परेशान हैं। इस गांव में तो लोगों के मवेशी भी बह गए हैं और काफी नुकसान भी हुआ है। अब ग्रामीण सरकार से मदद की गुहार भी लगा रहे हैं।
खबर मिलते ही रेस्क्यू कराने का प्रशासन का दावा
समस्या की बात ये है कि अभी भी बारिश जारी है। यदि इसी तरह बारिश होती रही तो ये नदियां अब लोगों की जान लेना भी शुरू कर सकती है इतने बड़े जिले में अलग.अलग जगह प्रशासन को भी रेस्क्यू करना संभव नहीं होगा। जिला प्रशासन के अधिकारियों को तत्काल क्षेत्र की जानकारी लेकर लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना शुरु कर देना चाहिएए ताकि हालात ना बिगड़ सकें। जिले के हालात पर कलेक्टर एस कृष्ण चैतन्य नजर बनाए हुए हैं। उनका कहना है कि जहां जहां से भी खबरें मिल रही हैं वहां पर अधिकारियों को भेजकर सुरक्षा के इंतजाम करने के लिए कहा जा रहा है।