दतिया जिले में बाढ़ प्रभावित गांवों का जायजा लेने और राहत-बचाव कार्य की निगरानी करने पहुंचे गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा बुधवार को खुद बाढ़ में फंस गए। वे सिंध नदी की बाढ़ में फंसे ग्रामीणों से मिलने और उनके रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए बोट में सवार होकर कोटरा गांव पहुंचे थे। उन्होंने यहां पंचायत भवन की छत पर खड़े 9 लोगों को सेना का हेलिकॉप्टर बुलाकर रेस्क्यू कराया। इसी दौरान उनकी बोट पर पेड़ गिर गया और उनकी बोट स्टार्ट नहीं हुई। इसके बाद उन्हें भी वायुसेना के हेलीकॉप्टर से लिफ्ट कर गांव से निकाला गया।
बाढ़ में फंसे लोगों को निकलवाने पहुंचे थे मिश्रा
गृह मंत्री मिश्रा ने बुधवार को NDRF की मोटर बोट में लाइफ जैकेट पहन कर दतिया जिले के कई बाढ़ प्रभावित गांवों का जायजा लिया। उन्हें कोटरा गांव में एक मकान की छत पर कुछ लोग फंसे हुए नजर आए तो वे उनसे मिलने खुद वहां तक पहुंच गए। इसके बाद उन्होंने NDRF और वायुसेना की मदद से बाढ़ में फंसी महिला एवं पुरुषों को वहां से निकलवाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। उन्होंने सभी बाढ़ प्रभावित गांवों में पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य का जायजा लेकर जिला प्रशासन को उनके भोजन-आवास की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि सिंध नदी में बाढ़ के चलते नदी के किनारे स्थित कई गांव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। सेना और वायुसेना बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों का रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही है। बता दें कि सिंध नदी का पानी किनारे पर बसे गांवों में घुस गया है। नदी का जलस्तर बढ़ने से इंदरगढ़ क्षेत्र के रूर और कुलैथ गांवों के बीच संपर्क टूट गया है।
मड़ीखेड़ा डैम से पानी छोड़ने पर सिंध नदी में सैलाब
शिवपुरी के मड़ीखेड़ा डैम से छोड़े गए पानी की वजह से दतिया में सिंध नदी भारी उफान पर है। इसी सिंध नदी पर रतनगढ़ माता मंदिर के नीचे पुल बना हुआ था। मंगलवार, 03 अगस्त को नदी में पानी का बहाव इतना तेज था कि पुल इसका दबाव सहन नहीं कर पाया और तिनके की तरह बह गया। दतिया जिले में सिंध नदी पर बने चार पुल बह गए हैं।