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BHOPAL. लहसुन बेचने के लिए मारे-मारे फिर रहे किसानों के साथ ठगी करने में सरकारी संस्थान भी पीछे नहीं हैं। धरमपुरी स्थित केंद्र सरकार के उपक्रम राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास फाउंडेशन ने किसानों को महंगे भाव पर किसानों को लहसुन बीज दिए। अब संस्थान फसल खरीदने से इनकार कर रहा है। बीज बेचते वक्त संस्थान के अधिकारियों ने विश्वास दिलाया था कि उपज को उचित मूल्य पर खरीदा जाएगा।
10 से 12 हजार क्विंटल के भाव से खरीदे थे बीज
संयुक्त किसान मोर्चा के रामस्वरूप मंत्री और बबलू जाधव ने बताया कि इंदौर संभाग के सैकड़ों किसानों ने हॉर्टीकल्चर डिपार्टमेंट के इस अनुसंधान संस्थान से उन्नत बीज 10 से 12 हजार प्रति क्विंटल पर खरीदे थे। जब फसल पक गई तो डिपार्टमेंट के अधिकारियों से फसल खरीदने का आग्रह किया। अफसरों ने अपने वादे को तोड़ते हुए फसल खरीदने से इनकार कर दिया। इससे ठगाए किसान अब भटकने को मजबूर हैं।
2 महीने से भटक रहे किसान, अफसरों की बेवजह की बातें
गांव माता बरोड़ी के राजेश मकवाना और महेश सिसोदिया का कहना है कि किसान भटक रहे हैं, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं। 2 महीने चक्कर लगाने के बाद अधिकारियों ने कहा कि सरकार हमें खरीदने की अनुमति नहीं दे रही। इंदौर, देवास ,उज्जैन के कई किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा से संपर्क किया और घटना की जानकारी दी। किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा को संस्थान से खरीदे गए लहसुन बीजों की रसीद भी दी। किसानों ने संस्थान में जाकर जानकारी निकाली तो कहा गया कि लहसुन बीज हमने बेचा जरूर है, लेकिन अलग-अलग योजनाओं में बीज बेचा जाता है। जिस योजना में किसानों ने लहसुन बीज खरीदा है, उसमें हमने वापसी खरीदी की गारंटी नहीं दी।
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