पुरानी प्रक्रिया निरस्त किए बिना की नई भर्ती, आरोप निजी हित के लिए हुए कई बदलाव

author-image
Shivasheesh Tiwari
एडिट
New Update
पुरानी प्रक्रिया निरस्त किए बिना की नई भर्ती, आरोप निजी हित के लिए हुए कई बदलाव

रूचि वर्मा, Bhopal. राज्य योजना आयोग के प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग फ्रेमवर्क में पदों की भर्ती में गड़बड़ी हुई है। इस मामले में मुख्य सचिव से कई शिकायतें की गई हैं। इसमें कहा गया है कि प्रदेश में विभिन्न विभागों द्वारा चलाई जा रहीं योजानाओं की मॉनिटरिंग के लिए बनाई गई नीति एवं योजना आयोग में सलाहकार, वरिष्ठ सलाहकार एवं प्रिंसिपल सलाहकार के पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया में प्रक्रिया के विरुद्ध काम किया गया है। बता दें कि आयोग में कैबिनेट द्वारा सामान्यतः कुल 31 पद स्वीकृत हैं। इस पूरे मामले में योजना आयोग के प्रमुख सलाहकार अभिषेक सिंह का कहना है कि भर्ती एवं नियुक्ति प्रक्रिया बिल्कुल पारदर्शी तरीके से हुई है। किसी भी तरह की कोई प्रक्रिया का उल्लंघन नहीं हुआ है। 



मामला इस प्रकार है



योजना आयोग के कार्यकाल की अवधि वर्ष 2020 तक तय थी। फरवरी 2020 में तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने कुछ निर्देश जारी किए, जिसमें कहा गया कि योजना आयोग की कार्यावधि 3 साल के लिए यानी की वर्ष 2023 तक बढ़ाई जाए। साथ ही आयोग में तीन पदों क्रमशः प्रिंसिपल सालाहकर, वरिष्ठ सलाहकार और सलाहकार के लिए नई भर्तियां की जाएं और आयोग में केटेगरी के हिसाब से सभी का वेतनमान का एक स्टैण्डर्ड तय किया जाए। इसी आदेश के तहत मार्च 2020 में भर्ती विज्ञापन जारी किया गया और एमपी ऑनलाइन के जरिए शुल्क सहित आवेदन मंगवाए गए। इसके बाद आवेदकों के लिस्ट एवं मेरिट लिस्ट जारी की गई। इसके बाद पात्र आवेदकों के साक्षात्कार होने थे। लेकिन इसी दौरान कमलनाथ सरकार गिर गई और शिवराज सरकार की वापसी हुई। सरकार बदलने के बाद शिवराज सरकार में योजना आयोग को बंद करने का प्रस्ताव दिया गया। इसी कोशिश के तहत आयोग के सभी सलाहकारों को लेटर लिखा गया कि उन सभी की सेवाएं 31 जुलाई 2020 को समाप्त हो रहीं हैं। तभी कोरोना फैल गया और योजना आयोग को बंद करने की कवायद ठंडे बस्ते में चली गई। इस दौरान 7 से 10 सलाहकारों को उनके कार्यकाल में 6 महीने यानी की 31 दिसंबर 2021 तक का NHM में एक्सटेंशन भी मिल गया। इसके बाद नवंबर 2021 में शिवराज सरकार ने उन्हीं पदों के लिए नए भर्ती विज्ञापन जारी किए जिनके लिए कमलनाथ सरकार के दौरान आवेदन किए जा चुके थे। 31 नवंबर 2021 तक आवेदन करने की लास्ट डेट थी। आरोप यह है कि सरकार के नियमों के अनुसार जब तक आप पुरानी भर्ती को स्क्रैप ना करें, तब तक उन्हीं पदों के लिए आप भर्ती प्रक्रिया नहीं शुरू कर सकते। 



सवाल-1: प्रावधान के अनुसार पहले कमलनाथ सरकार द्वारा नई भर्तियों के लिए शुरू की गई प्रक्रिया को शिवराज सरकार द्वारा निरस्त करते हुए देश के 3 बड़े अखबारों में विज्ञापन जारी किया जाना चाहिए था या फिर सरकार के पोर्टल पर भर्ती प्रक्रिया के निरस्तीकरण की जानकारी दी जानी चाहिए थी। 



जवाब: मामले पर अभिषेक सिंह का जवाब है कि कमलनाथ सरकार के दौरान एक भर्ती प्रक्रिया जरूर शुरू हुई थी लेकिन जरूरतें बदलने कि वजह से और क्योंकि वह प्रक्रिया टाइम बाउंड भी थी, उसे बंद कर दिया गया। और फिर नए वातावरण में नए सिरे से जिन और जितने कंसल्टेंट्स की जरूरत थी, उस हिसाब से फिर से एक नई भर्ती  प्रक्रिया शुरू की गई। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि इनफार्मेशन नहीं दी गई हो, अगर कोई भी पुरानी प्रक्रिया निरस्त होने के बारे में जानकारी चाहता है, वो पा सकता है। कोई भी इनफार्मेशन छुपी नहीं है। बिना पिछली प्रक्रिया को क्लोज किए नई प्रक्रिया नहीं शुरू की जा सकती। इसलिए पुरानी प्रक्रिया को पूरे आधिकारिक-प्रशासनिक नियमों के तहत से बंद किया गया है। हालांकि यह जरूर है कि इसमें उसी सैंक्शन के विरुद्ध नई प्रक्रिया की गई है। 



सवाल- 2: आरोप है कि एमपी ऑनलाइन को भर्ती प्रक्रिया से हटाकर आवेदन मंगाने के लिए इंटरनल एप्लीकेशन टूल/पोर्टल बनाया गया। यह बदलाव जानकर किया गया है और इस हेरफेर से भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार का अंदेशा काफी हद तक बढ़ जाता है क्योंकि आवेदन मंगवाने वाला, आवेदन सेलेक्ट करने वाला और चयन करके नियुक्ति देने वाला एक ही हो जाता है। यही नहीं इस तथाकथित पोर्टल/टूल से जो भी आवेदन प्रक्रिया हुई, उसमें भी तकनीकी गड़बड़ियों की वजह से कई कैंडिडेट्स के एप्लीकेशन फॉर्म जेनेरेट नहीं हुए, कुछ के आवेदन जमा नहीं हुए एवं कुछ के आवेदन मिले ही नहीं। 



जवाब: अधिकारी अभिषेक सिंह का कहना है कि MP ऑनलाइन से ही आवेदन मंगाए जाए ऐसा अनिवार्य नियम नहीं है। विभागीय पोर्टल द्वारा प्रक्रिया 2-3 पार्ट्स में की गयी है। आवेदन बुलाने से लेकर स्क्रूटनी तक का काम आर्थिक सांख्यिकी संचालनालय की DES टीम ने किया था। वहीं इंटरव्यू का कार्य दूसरी टीम ने किया है। इस तरह से प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती गई है। वहीं अगर लोगों के एप्लीकेशन न पहुंचने की बात है, तो ऐसा नहीं है कि हमने किसी को भी भर्ती प्रक्रिया से बाहर करने की कोशिश की है। शायद सभी को मौका मिला, तभी इतने कम पदों के लिए 1200-1300 आवेदन आए थे। कई ऐसे आवेदक जो टेक्निकल ग्लीचेस की वजह से फॉर्म अपलोड नहीं कर पाए, हमने उनको भी मौका दिया की वे हमें अपना एप्लीकेशन मेल के सहायता से भेज सकते हैं। यह एक सार्वजनिक प्रक्रिया है एवं हमने संवैधानिक तरीके से आवेदकों की दिक्कतों का निराकरण करने की कोशिश की है। हालांकि, फिर भी किसी को ऐसा लगता है कि उन्हें मौका नहीं मिला है तो वे अपनी शिकायत हम तक पहुंचा सकते हैं। हम उनकी शिकायत का जवाब देंगे।



सवाल- 3: तीसरी आपत्ति यह है कि कैंडिडेट्स के शिकायत पर आवेदन की आखिरी डेट दो बार बढ़ाई गई- पहले 5 दिसंबर 2021 तक, फिर 15 दिसंबर, 2021 तक। दो बार आवेदन की आखिरी डेट बढ़ाने के दौरान ही प्रक्रिया में संसोधन करे गए कि वरिष्ठ सलाहकार और सलाहकार के कैंडिडेट्स की अधिकतम आयुसीमा 40 वर्ष से बढ़ाकर 45 वर्ष कर दी गई एवं प्रिंसिपल सलाहकार के कैंडिडेट्स के लिए अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष से बढ़ाकर 50 वर्ष तक कर दी गई। भर्ती प्रक्रिया में कुछ क्राइटेरिया बदल दिए गए जैसे सलाहकार पद के लिए न्यूनतम आय 40,000 रुपए होनी चाहिए एवं वरिष्ठ सलाहकार पद के लिए न्यूनतम आय 65,000 रुपए होनी चाहिए। यह 2020 में भर्ती के लिए तय किए गए मानक संचालन प्रक्रिया (सोप-स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) के विरुद्ध है क्योंकि ऐसे किसी भी बदलाव अथवा संसोधन के लिए वित्त मंत्री एवं मुख्यमंत्री से अनुमति लेनी पड़ती है, जिसका शक है कि पालन नहीं किया गया। कहा जा रहा है कि भर्ती प्रक्रिया के दौरान ही अधिकतम आयुसीमा को इसलिए बढ़ाया गया एवं न्यूनतम वेतन का बेंचमार्क इसलिए तय किया गया जिससे किन्ही व्यक्तिविशेष को आवेदन में आसानी देने के लिए किया गया। 



जवाब: भर्ती प्रक्रिया में कुछ क्राइटेरिया जैसे सलाहकार पद के लिए न्यूनतम आय 40,000 रुपए होनी चाहिए, वरिष्ठ सलाहकार पद के लिए न्यूनतम आय 65,000 रुपए होनी चाहिए, यह हमेशा से रहा है, ऐसा नहीं है कि यह नियम नया हो। वहीं अधिकतम आयु सीमा में रिलैक्सेशन के बारे में मैं सहमत हूं कि ऐसा किया गया है। लेकिन इसके बारे में बाकायदा विज्ञापन दिया गया था। इस प्रक्रिया में कोई वैधानिक त्रुटि नहीं है। जहां तक ये आरोप है कि अधिकतम आयु सीमा को बढ़ाने से और न्यूनतम वेतन का बेंचमार्क तय करने का कदम इसलिए उठाया गया कि किन्ही व्यक्तिविशेष को आवेदन में आसानी हो तो इस बारे में यही कह सकता हूं कि जिसको ऐसा लगता है कि वह शिकायत करें, हम उसका जवाब देंगे।



सवाल- 4: वहीं जिन 7 सलाहकारों को उनके कार्यकाल में NHM में 6 महीने का एक्सटेंशन मिला था। उनका कार्यकाल भी 31 दिसंबर 2021 तक खत्म हो रहा था। उन्हें लिखित में यह दिया गया था। अगर वे कार्यकाल खत्म होने बाद भी बने रहना चाहते हैं तो नई भर्ती प्रक्रिया में आवेदन कर वे सिस्टम में दोबारा आ सकते हैं। लेकिन बिना किसी भर्ती प्रक्रिया में आवेदन किए उनका कार्यकाल फिर से बढ़ा दिया गया। इस तरह यह भर्ती प्रक्रिया केवल 19 पदों के लिए ही की गई, जो 31 पदों के लिए होनी थी। इसका असर यह रहा कि भर्ती प्रक्रिया में जो सलेक्शन हुए उसमे सही और सभी कैंडिडेट्स को अवसर नहीं दिया गया।



जवाब: अभी 19 पदों के लिए भर्ती हुई है। वहीं 7 पद के सलाहकारों को एक्सटेंशन विभाग की अपनी प्रसाशनिक आवयश्यकता एवं उन सलाहकारों के विभागों के साथ अनुभव एवं उनके अच्छे एक्सपीरियंस के कारण मिला है। बाकी बचे 5 पदों के लिए हो सकता है कि रिक्त रहने पर फिर से भर्ती प्रक्रिया की जाए। क्योंकि राज्य नीति एवं योजना आयोग का कार्य लगातार बढ़ता जा रहा है एवं इसलिए बाकी लोगो को भी आगे अवसर प्राप्त होगा।



सवाल: जब भी कोई भर्ती प्रक्रिया निरस्त की जाती है तो प्रावधान के तहत एमपी ऑनलाइन द्वारा मंगाए गए आवेदनों में कैंडिडेट्स से जो शुल्क लिया जाता है, वह वापस किया जाना चाहिए था, जो यहां नहीं किया गया। 



जवाब: अगर ऐसा है तो इसपर आगे नियमानुसार कार्यवाही की जा सकती है।  


Principal Advisor Senior Advisor Advisor Recruitment Process State Planning Commission कमलनाथ सरकार Kamal Nath Sarkar Abhishek Singh शिवराज सिंह चौहान अभिषेक सिंह प्रिंसिपल सलाहकार वरिष्ठ सलाहकार सलाहकार भर्ती प्रक्रिया राज्य योजना आयोग SHIVRAJ SINGH CHOUHAN