Jabalpur. प्रदेश में हो रही प्री मानसून की झमाझम बारिश ने अब सैर-सपाटे पर ब्रेक लगा दिया है जो 4 माह तक के लिए लगा ही रहेगा। दरअसल बारिश की शुरूआत के साथ ही प्रदेश के सभी नेशनल पार्कों को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है। वहीं विश्व प्रसिद्ध भेड़ाघाट में भी अब लोग संगमरमरी वादियों के बीच नौकायन का आनंद नहीं ले पाऐंगे। 15 अक्टूबर के बाद ही नेशनल पार्कों के गेट खोले जाऐंगे साथ ही भेड़ाघाट में नौकायन शुरू हो जाएगा।
कान्हा-बांधवगढ़ में नो-एंट्री
बरसात के शुरू हो जाते ही नेशनल पार्कों के कच्चे रास्ते वाहनों की आवाजाही के लिए उपयुक्त नहीं रहते। वहीं बरसात का सीजन वन्यप्राणियों के मेटिंग का सीजन माना जाता है। ऐसे में वन्यप्राणी कोर एरिया का रुख कर लेते हैं। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि इस दौरान वन्यप्राणी काफी एग्रेसिव भी हो सकते हैं। वन्यप्राणियों और इंसानों दोनों की सुरक्षा के लिए 15 जून को ही नेशनल पार्कों को पर्यटकों के लिए बंद करने का प्रोटोकॉल रहता है।
भेड़ाघाट में नौकायन पर भी प्रतिबंध
15 जून से ही विश्वप्रसिद्ध भेड़ाघाट में भी नौकायन में लगी नौकाओं के चप्पू बांध दिए जाते हैं। दरअसल भेड़ाघाट में लगभग पूरे साल तेज बहाव रहता है और वर्षाकाल में तो घाटी में नाव उतारना ही जोखिम से भरपूर होता है। लिहाजा वर्षाकाल की शुरूआत से ही यहां नौकायन प्रतिबंधित हो जाता है जो 15 अक्टूबर के बाद दोबारा शुरू होता है।
अन्य पिकनिक स्पॉट पर भी रहेगी चौकस निगाह
वहीं वर्षाकाल में जबलपुर जिले के अन्य पिकनिक स्पॉट पायली, निदान फॉल, भदभदा, बगदरी फॉल और टेंभर भी खतरनाक हो जाते हैं। ऐसे में इन जगहों पर पुलिस पर्यटकों पर निगाह रखती है क्योंकि हर साल यहां एक न एक जनहानि की खबरें आती ही रहती हैं। थोड़ी सी बरसात में ही ये दर्शनीय स्थल पानी के उफान से खतरनाक बन जाते हैं।
पर्यटकों को भी रखना चाहिए खयाल
पर्यटकों को भी इस बात का खयाल रखना चाहिए कि वे बारिश के दौरान ऐसी जगहों पर सैर-सपाटा करने से परहेज करें। अक्सर यही देखा गया है कि सैर-सपाटे और सेल्फी के चक्कर में इन स्थानों में कैजुअल्टी हो जाती है। ऐसे में जरूरी है कि पर्यटक सैरसपाटे के दौरान पूरी सावधानी बरतें।