Bhopal. एक ओर मप्र को नशा मुक्त बनाने के लिए सरकार बड़े-बड़े दावे करती है वहीं दूसरी ओर सरकर राज्य में शराब की बिक्री को भी बढ़ावा देने में लगी है। हम ऐसा आबकारी आयुक्त के उस पत्र के आधार पर कह रहे हैं जिसमें शराब कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुए उन्हें कितनी भी मात्रा में और कभी भी शराब खरीदने के लिए खुली छूट दी गई है। यह पत्र शुक्रवार 14 अक्टूबर को जारी हुआ है। आबकारी आयुक्त ग्वालियर द्वारा जारी किए गए पत्र के अनुसार अब प्रदेश में शराब कारोबारी अब किसी भी समय, कितनी भी मात्रा में शराब की डिमांड करके आबकारी गोदाम से उठा सकेंगे। इसके पहले शराब कारोबारी सुबह 9 से 12 और शाम को 3 से 5 मे ही डिमांड कर सकते थे। साथ ही शराब की पेटी भी अधिकतम 500 ले सकते थे लेकिन अब इस नए आदेश के बाद वे कभी भी, कितनी भी मात्रा में डिमांड करके शराब ले सकेंगें। हालांकि यह व्यवस्था सिर्फ देसी शराब के लिए है। सरकार के इस फरमान के बाद प्रदेश में शराब की बिक्री में इजाफा होगा। अब सवाल यह है कि क्या ऐसे मप्र नशा मुक्त होगा। या फिर सरकार नशामुक्ति के नाम पर सिर्फ खोखले आश्वासन दे रही है। वहीं इस फैसले से शराब कारबोरियों की और चांदी हो जाएगी इसमें कोई दोराह नहीं है।
क्या होगा उमा की शराबबंदी मांग का
मप्र को नशामुक्त बनाने के लिए पूर्व सीएम उमा भारती लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहीं हैं। वे मप्र में लगातार शराबबंदी की मांग कर रही हैं। इस संबंध में वे सरकार को लगातार अल्टीमेटम भी दे रहीं लेकिन अब यह सवाल उठ रहा है कि सरकार के इस कदम से उमा भारती की शराबबंदी मांग का क्या होगा। शराबबंदी की मांग को लेकर उमा भारती का कई बार सत्ता और संगठन से टकाराव भी देखा गया। साथ ही शराब दुकानों पर उमा भारती ने कई जगहों पर गोबर और पत्थर भी फेंका। दूसरी ओर सीएम शिवराज भी प्रदेश में नशे के कारोबारियों पर बड़ी कार्रवाई करने का दावा अपने भाषणों में करते हैं। लेकिन वास्तव में अब सरकार के दावों के सवाल खड़े हो रहे हैं।
7 नवंबर से उमा का शराबबंदी अभियान
उमा भारती ने एक बार फिर मप्र में शराबबंदी को लेकर मोर्चा खोल दिया है। इस बार उन्होंने आर-पार लड़ाई लड़ने की तैयारी कर ली है। जानकारी के अनुसार उमा भारती ने 7 नवंबर से शराबबंदी की मांग के लिए बड़ा अभियान शुरू करने का ऐलान किया है। उन्होंने बताया कि अगले साल 14 जनवरी यानी मकर संक्रांति तक शराबबंदी अभियान चलेगा। अभियान के दौरान घर भी नहीं जाने की घोषणा की है। यानी वे शराबबंदी को लेकर प्रदेश सरकार से पूरी तरह से दो-दो हाथ के मूड में हैं। उमा के इस फैसले ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है।
एमपी में शराब बंदी को लेकर @umasribharti का हठ, सात नवंबर से घर में रहना छोड़ देंगी, टेंट लगायेगी या फिर झोपड़ी में रहेंगी. अब कैसे मनाएँगे @ABPNews @abplive pic.twitter.com/2ezd3hZ8OB
— Nitinthakur (@Nitinreporter5) October 7, 2022
शराब दुकान के सामने लगाएंगी चौपाल
उमा भारती ने कहा कि अभियान के दौरान नदी किनारे, पेड़ के नीचे, शराब दुकान के सामने टेंट में चौपाल लगाऊंगी। शराबबंदी की मांग के लिए अभियान चलाने का फैसला हाल ही में बंद किए गए कुछ अहाते एवं दुकानों का उदाहरण है। मुख्यमंत्री ने मुझे सूचित किया था कुछ शराब की दुकानों को बंद कर दिया गया है। हालांकि दुकानें खुली रहीं हैं। शराब व्यापारियों को कोर्ट से स्टे लाने का पर्याप्त समय मिल गया। मैं हंसी का पात्र बनकर ठगी सी रह गई। इसलिए मुझे शराबबंदी के लिए अभियान शुरू करने का निर्णय लेना पड़ रहा है। उन्होंने नियंत्रित शराब वितरण व्यवस्था मध्य प्रदेश में लागू करने की मांग की है।
लाखों लोगों की जिंदगी बचाना है
उमा भारती का कहना है कि अभियान से मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल करने में लगे हुए सरकारी अमले सजग रहेंगे। खासकर विधि विभाग स्टे लेने का मौका नहीं देगा। उन्होंने बताया कि लाखों लोगों की जिंदगी और भविष्य बचाने के लिए दो महीने की साधना मुझे धन्य करेगी। मार्च में भाग लेने वाली महिलाओं की इच्छा थी कि हम भी सरकारी अभियान के साथ पूरे प्रदेश में अपना भ्रमण अभियान चलाएं। उमा भारती के ऐलान से मध्य प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है।
सरकार की बढ़ेगी कमाई
इस फैसले से सरकार की कमाई भी बढ़ेगी। सरकार के खजाने में पहले की तुलना में ज्यादा राजस्व आएगा। सरकार की आय का प्रमुख जरिया शराब है। आबकारी विभाग के अनुसार वर्ष 2021-22 में सरकार ने 10 हजार 380 करोड़ से अधिक का राजस्व अर्जित किया वहीं वर्ष 2020-21 में 9 हजार 520 करोड़ रूपये राजस्व के रूप में मिले।