Bhopal.मध्यप्रदेश (MP) में IPS अफसरों (IPS Officers) की तादाद बढ़ने वाली है। इस संबंध में सभी तैयारी कर ली गयी हैं। लंबे समय बाद कैडर रिव्यू किया जा रहा है। इसके लिए पुलिस मुख्यालय ने प्रस्ताव बनाकर गृह विभाग को भेजा था। प्रदेश में आईपीएस कैडर पोस्ट(ips cadre post) 166 से बढ़ाकर 173, सेंट्रल डेपुटेशन में 66 से बढ़ाकर 69, स्टेट डेपुटेशन में 41 से बढ़ाकर 43 पद किए गए हैं। ट्रेनिंग के लिए रिजर्व पांच पोस्ट(reserve five posts) भी हैं। इसमे भी 1 पद बढ़ाकर 6 हो गए हैं। एसपीएस से आईपीएस(SPS to IPS) प्रमोशन से भरे जाने वाले 92 पदों को बढ़ाकर 97 किया गया है। कुल मिलाकर प्रदेश को 14 पद बढ़ाकर दिए गए हैं। अभी आईपीएस अफसरों की टोटल संख्या(Total No. of IPS Officers) 305 थी जो रिव्यू के बाद 319 हो गई है।
गृह विभाग को भेजा प्रस्ताव
पुलिस मुख्यालय ने प्रस्ताव बनाकर गृह विभाग को भेजा है। दिसंबर में प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाना है। पांच साल बाद आईपीएस अफसरों का कैडर रिव्यू हो रहा है. इस बार 15 फीसदी पद बढ़ाने की तैयारी है, जिसमें एडीजी के ही 16 नए पद शामिल हैं. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा इसे अंतिम रूप देंगे और जल्द इसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने रखा जाएगा. दिसंबर में प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाना है. 2015 में जब कैडर रिव्यू हुआ था, तब 158 से बढ़कर संख्या 166 हो गई थी. तब पांच प्रतिशत के आसपास पद बढ़ाए गए थे।
प्रदेश में एडीजी की भरमार
मध्यप्रदेश में एडीजी स्तर के अफसरों की भरमार है. यही वजह है कि कैडर रिव्यू में एडीजी के 16 नए पद शामिल किए गए हैं। अभी आईजी की 15 पोस्ट पर एडीजी ही बने हुए हैं। आईजी के पद पर एडीजी के बने रहने की वजह से जेल मुख्यालय में विवाद भी हो चुका है। एडीजी स्तर के अधिकारियों के खिलाफ जेल मुख्यालय के अधिकारियों ने मोर्चा भी खोला लिया था और सरकार को चिट्ठी भी लिखी जा चुकी है। वर्तमान में एमपी पुलिस महकमे में कुल 42 एडीजी हैं. इसमें 16 पद कैडर के और इतने ही एक्स कैडर के पद हैं।