MP में ओबीसी आरक्षण अब सरकारी विभागों के लिए समस्या बन रहा, जानिए पूरा मामला

author-image
एडिट
New Update
MP में ओबीसी आरक्षण अब सरकारी विभागों के लिए समस्या बन रहा, जानिए पूरा मामला

भोपाल. मध्यप्रदेश में 14 फीसदी से 27 फीसदी किया गया ओबीसी आरक्षण अब सरकारी विभागों के लिए मुसीबत बन रहा है। मुसीबत इसलिए क्योंकि यदि 27 फीसदी के मुताबिक आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है तो मामले कोर्ट में पहुंच रहे हैं और 14 फीसदी के हिसाब से आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है, तो जिन्हें लाभ मिलना है वो आंदोलन पर आमादा है। ऐसा ही चयनित शिक्षकों के मामले में भी हुआ है और अब ओबीसी वर्ग के चयनित शिक्षकों ने अल्टीमेटम दे दिया है कि यदि 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं दिया तो 2023 की राह बीजेपी के लिए आसान नहीं होगी।





यह है पूरा मामला: ये चयनित शिक्षक ओबीसी वर्ग है। इनका गुस्सा इसलिए क्योंकि स्कूल शिक्षा और जनजातीय कार्य विभाग ने मनमाने तरीके से ओबीसी आरक्षण की परिभाषा गढ़ दी है। साथ ही 16 मार्च 2022 को फिर नियुक्ति पत्र जारी किया तो ओबीसी वर्ग के लिए नियुक्ति ही जारी नहीं की गई। इसी का विरोध करने ओबीसी वर्ग के चयनित शिक्षक 21 मार्च को भोपाल में जुटे और प्रदर्शन किया। इनका कहना है कि जब स्कूल शिक्षा और जनजातीय कार्य विभाग ने सभी विषयों की नियुक्ति जारी की तो 27 फीसदी के हिसाब से आरक्षण का लाभ दिया जाना था लेकिन 11 विषयों में तो चयनित शिक्षकों को 27 फीसदी आरक्षण का लाभ दिया लेकिन पांच विषय इतिहास, राजनीति शास्त्र, भूगोल, संस्कृत और कृषि विज्ञान में 14 फीसदी के हिसाब से आरक्षण का लाभ दिया गया यानि इन विषयों के 13 फीसदी पद होल्ड कर दिए।





इसी तरह माध्यमिक शिक्षक के भी  दो विषय, संस्कृत और सामाजिक विज्ञान में भी ओबीसी को 14 फीसदी आरक्षण पर नियुक्ति दी गई। इसका कारण बताया गया कि इन विषयों में बाहरी राज्य के किसी अभ्यार्थी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। यानी केवल याचिका दायर होने पर ही 13 फीसदी पद होल्ड कर दिए। इन अभ्यर्थियों का साफ कहना था कि नियुक्ति प्रक्रिया में मनमाना तरीका अपनाया जा रहा है।





नियुक्ति इसलिए अटकी: स्कूल शिक्षा और जनजातीय कार्य विभाग, इन दोनों विभागों में उच्च माध्यमिक और माध्यमिक शिक्षकों के करीब 30 हजार पदों के लिए 2018 में विज्ञापन जारी हुआ था। फरवरी-मार्च 2019 में पीईबी ने इसके लिए पात्रता परीक्षा आयोजित की। 27 फीसदी आरक्षण के मुताबिक विभागों ने चयन सूची बनाई, 10 जनवरी 2020 से जुलाई 2021 तक चयन प्रक्रिया चली अभी भी स्कूल शिक्षा विभाग में  उच्च माध्यमिक और माध्यमिक  शिक्षक के कुल 6 हजार पदों पर नियुक्ति बाकी है। वैसे ही जनजातीय कार्य विभाग में 3997 पदों पर नियुक्ति बाकी हैं। जबकि हाईकोर्ट ने इन विषयों में नियुक्ति देने में किसी तरह का स्थगन आदेश नहीं दिया। न ही विभाग की तरफ से कोई रोक है। केवल याचिका दायर होने पर ही नियुक्तियां रोक दी गई है और इन अभ्यार्थियों का गुस्सा इसी बात को लेकर है और 27 फीसदी और 14 फीसदी के फेर में इनकी नियुक्तियां अटक गई है।



 



Madhya Pradesh मध्यप्रदेश शिवराज सिंह चौहान SHIVRAJ SINGH CHOUHAN CONGRESS कांग्रेस BJP बीजेपी OBC RESERVATION ओबीसी आरक्षण Teachers शिक्षक स्कूल शिक्षा School Education Tribal Affairs Department जनजातीय कार्य विभाग