सैय्यद आफ़ताब अली, Shajapur. अब तक आपने गजानन महाराज के कई मंदिर देखे होंगे। शाजापुर जिले में भी गणेशजी के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, जहां विराजित मंगलमूर्ति भक्तों पर अपना स्नेह लुटाते हैं। ऐसा ही शाजापुर में एक मंदिर ऐसा भी है, जिसका आकार जानकार आप चौंक जाएंगे। यह मंदिर महज सवा हाथ जितना बड़ा है। जी हां! महज सवा हाथ ऊंचाई वाला मंदिर। इस मंदिर में कोई भी भक्त प्रवेश नहीं कर सकता। बाहर बैठकर ही भगवान की पूजा अर्चना की जा सकती है। इस मंदिर में सूक्ष्म रूप में गणपतिजी विराजमान हैं। शहर के लोग पीढ़ियों से इस मंदिर को देखते आ रहे हैं। भगवान श्री गणेश का यह अनोखा मंदिर शाजापुर के मीरकला बाजार स्थित मुगलकालीन द्वार के नीचे सड़क के किनारे पर स्थित है।
बाहर बैठकर करते हैं पूजा
मंदिर का आकार देखकर इसे सबसे छोटा मंदिर कहे तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। मंदिर के पास ही दुकान का संचालन करने वाले प्रकाश गुप्ता का परिवार मंदिर की देखरेख करता है। बकौल गुप्ता शाजापुर में 16वीं सदी का शाहजहां कालीन किला बना था। किले के निर्माण के साथ ही किला रोड, मीरकला, सोमवारिया व कसेरा बाजार में चार प्रवेश द्वार भी बनाए गए थे। इन्हीं में से मीरकला क्षेत्र का प्रवेश द्वार है। इसी के साथ नीचे भगवान गणेश का छोटा सा मंदिर है । सड़क से सटे इस मंदिर के ऊपरी हिस्से पर एक दुकान बनी हुई है। गेट के साथ ही इसकी स्थापना हुई थी।
शहर की सुरक्षा करते हैं बप्पा
यह मंदिर मीरकलां सहित आसपास के लोगों की आस्था का केंद्र है। वहां रहने वाले शहरवासी व व्यापारी भगवान श्री गणेश के दर्शन के साथ ही अपने दिन की शुरुआत करते हैं। कहते हैं कि बप्पा की मौजूदगी से ही शहर में कोई मुसीबत नहीं आती और बप्पा हर समय वहां मौजूद रहकर पूरे शहर की सुरक्षा करते है। कई बार मुसीबत भी आई तो वह टल गई। यही वजह है कि यहां प्रतिदिन लोग बप्पा का आशीर्वाद लेकर ही अपने दिन और काम की शुरुआत करते हैं।