INDORE. राजस्व आयुक्त (revenue commissioner) ने सभी कमिश्नर (commissioner gave Instructions)को निर्देश जारी किए है। राजस्व कोर्ट में जेल से बेल के लिए अब ऑनलाइन डॉक्यूमेंट (online documents) ही मान्य किए जाएंगे। धारा 147,116, 151, 110, 148, 107 और रासुका समेत कई अन्य केसों में तहसीलदार,कलेक्टर (Collector),एसडीएम (SDM),संभागायुक्त (Divisional Commissioner)और पुलिस कमिश्नरी के केसों में जिस भी तरह की सुनवाई और जमानत होगी, उनके आवेदनों में अब ऑनलाइन कागजात ही लगाना होंगे। राज्य शासन के प्रमुख राजस्व आयुक्त डॉ.संजय गोयल (
Chief Revenue Commissioner Dr.Sanjay Goyal) ने इन निर्देशों को जारी किया है। अब इन निर्देशों के बाद ऐसे केसों को आरसीएमएस पोर्टल(RCMS Portal) के जरिए जोड़ा जाएगा। बता दें इसे बेल बॉण्ड मॉड्यूल(bell bond module) नाम दिया गया है।
फर्जी जमानतदारों और डॉक्यूमेंट के इस्तेमाल को रोकना उद्देश्य
बेल बॉण्ड मॉड्यूल के तहत अब जमानत के लिए जो रजिस्ट्री लगती है, वे ऋण पुस्तिका की हार्ड कॉपी नहीं ऑनलाइन डॉक्यूमेंट पर ही एंट्री की जाएगी। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि फर्जी जमानतदारों और डॉक्यूमेंट (Fake sureties and documents to control) के इस्तेमाल को रोका जा सकें। राजस्व आयुक्त के इन निर्देशों का पूरा पालन किया जाएगा।
ऐसे होगा प्रोसेस
बेल बॉण्ड मॉड्यूल में जमानतदार को अब केवल खसरा नंबर या फिर प्रॉपर्टी की डिटेल बताने की जरूरत है।
राजस्व आयुक्त जिन भी धाराओं में सुनवाई करते हैं, बॉण्ड जमा करवाते हैं,अब ये काम ऑनलाइन होगा। ई-पुस्तिका या इलेक्ट्रॉनिकली भू-अधिकार पुस्तिका में ही किया जाएगा।पीठासीन अधिकारियों को 3 ऑपशन दिए जाएंगे। इसमें दर्ज करने का, रद्द करना और रिपोर्ट देना शामिल है।
बेल बॉण्ड प्रोसेस
- ऑनलाइन प्रोसेस में नेविगेशन से जुड़ा खसरा नंबर दिखाई देगा।