BHOPAL. इतना सन्नाटा क्यों है भाई। शोले फिल्म का ये डायलॉग तो आपको याद ही होगा। भोपाल के बैरसिया के सागौनी खुर्द गांव में वाकई सन्नाटा है क्योंकि इस गांव में सिर्फ एक ही आदमी है और वो हैं मंदिर के पुजारी महावीर दास। 84 साल के महावीर सागौनी खुर्द गांव में एकमात्र वोटर हैं। ये गांव गरेठिया दांगी ग्राम पंचायत में आता है। यहां सरपंच पद के लिए 5 प्रत्याशी मैदान में हैं। सगौनी खुर्द गांव से सिर्फ पुजारी महावीर दास मतदान करेंगे। सागौनी खुर्द गांव करीब 200 साल पुराना है और ऐसा कहा जाता है कि एक श्राप की वजह से गांव वीरान हो गया था।
सागौनी खुर्द गांव की कहानी
ग्राम पंचायत के रहवासी देवेंद्र सिंह दांगी ने बताया कि करीब 200 साल पहले उनका परिवार राजस्थान से आया था और देवलखेड़ी में रुका था। वहां पर किसी बात को लेकर लड़ाई हुई जिसमें पूरा परिवार खत्म हो गया। उस वक्त परिवार की एक गर्भवती उसके मायके बरोड़ी में थी इसलिए वो बच गई। गर्भवती ने एक बेटे को जन्म दिया जो मायके में ही बड़ा हुआ। जब उसकी शादी हुई तो उसने सागौनी खुर्द गांव बसाया। उसके दो बेटे हुए लेकिन दोनों बेटों को कोई संतान नहीं हुई। उन्हें गांव में रहने में परेशानी आने लगीं।
श्राप की बात से वीरान पड़ा गांव
जानकारों ने बताया कि ये गांव दैवीय स्थान है। एक श्राप की वजह से उनके परिवार में संतान नहीं हो पाएगी। जानकारों ने दोनों भाइयों को गांव छोड़ने की सलाह दी जिसके बाद उन्होंने गांव छोड़ दिया। पहले यहां करीब 60 परिवार रहा करते थे। इसके बाद एक भाई ने सागौनी कला बसाया और दूसरा विदिशा के हिनौतिया में रहने लगा। मंदिर के आसपास पुराने मकानों के निशान भी हैं। यहां पहले पटेल बाबा और ठाकुर बाबा का मंदिर था। अब ग्रामीणों ने पंचमुखी हनुमान, देवी मां, शिव और शनि महाराज की स्थापना कराई। सागौनी खुर्द के मंदिर में सिर्फ पुजारी महावीर दास रहते हैं। वे इस गांव के एकमात्र वोटर हैं। उनके लिए सरकारी आवास भी बनाया गया है।
1200वें नंबर पर मतदाता सूची में जुड़ा महावीर का नाम
सरकारी रिकॉर्ड में सागौनी खुर्द गांव को वीरान घोषित कर दिया गया है। गांव में रहने वाले पुजारी महावीर दास अकेले वोटर हैं इसलिए उनका नाम 1200वें नंबर पर वोटर लिस्ट में जोड़ा गया। मंदिर की 11 एकड़ जमीन पर खेती करके पुजारी अपना भरण-पोषण करते हैं। मंदिर के आसपास करीब 12 गांव हैं जिनके लोग मंदिर में दर्शन करने आते हैं और चढ़ावा पुजारी की आय का जरिया है।
पंचायत चुनाव में दो गांवों के बीच टक्कर
गरेठिया दांगी और सागौनी कला गांव के बीच पंचायत चुनाव में टक्कर होती है। ग्राम पंचायत में दांगी, मेहर, जाटव, अहिरवार, विश्वकर्मा समाज के लोग रहते हैं। पंचायत चुनाव में जिस गांव के लोग इकट्ठे हो जाते हैं उसी गांव का सरपंच बन जाता है। सरपंच पद के लिए 5 प्रत्याशियों के बीच टक्कर है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सरपंच पद के लिए गरेठिया दांगी के 4 प्रत्याशी और सागौनी कलां से एक प्रत्याशी मैदान में है।
कौन बनेगा सरपंच ?
गरेठिया दांगी गांव से 4 प्रत्याशी सरपंच का चुनाव लड़ेंगे। इनमें एक महिला उम्मीदवार अनीता राजकुमार मेहर भी शामिल है। इसके अलावा जगदीश मेहर, लखन सिंह मेहर और नर्मदा प्रसाद मेहर चुनावी मैदान में हैं। सागौनी कलां से एकमात्र प्रत्याशी नरेंद्र प्रसाद तिल्लोरे चुनाव लड़ेंगे। प्रचार खत्म होने के बाद एकजुटता को लेकर गांवों के बीच बैठकें होती हैं। गरेठिया दांगी गांव के लोग बैठक करके एक प्रत्याशी को वोट देने का फैसला करेंगे। अगर सहमति बनती है तो वो सरपंच बन सकता है। वहीं सागौनी कला गांव के लोगों का कहना है कि उनके गांव के प्रत्याशी को गरेठिया के वोटरों का भी समर्थन है इसलिए उन्हीं के गांव का प्रत्याशी सरपंच का चुनाव जीतेगा।