BHOPAL. केंद्र सरकार (Central government) ने देश में 18 जुलाई से खान-पान की चीजों,निजी अस्पताल और नर्सिंग होम में 5 हजार रुपए से ज्यादा के प्रायवेट रूम सहित कई सेवाओं पर 5 फीसदी जीएसटी (GST) लागू कर दिया है। इस फैसले के विरोध में इनकम टैक्स एमपी के पूर्व चीफ कमिश्नर और गांधीवादी आरके पालीवाल (RK Paliwal) भी मैदान में आ गए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लोगों से इसका खुलकर विरोध करने का आह्वान किया है। उन्होंने मंगलवार (19 जुलाई) को फेसबुक पोस्ट कर विरोध को राष्ट्रव्यापी बनाने के लिए लोगों से आगे आने को कहा है।
अंग्रेजों के नमक कानून से की तुलना
उन्होंने इस फैसले की तुलना अंग्रेज शासन में लागू किए गए नमक कानून (नमक बनाने पर टैक्स) से की है। उन्होंने यह भी कहा है कि नमक कानून के खिलाफ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ऐतिहासिक दांडी मार्च से ब्रिटिश भी हिल गई थी। अब वर्तमान सरकार भी खान-पान की चीजों और स्वास्थ्य सुविधा पर टैक्स लगाकर आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है। ऐसा कर सरकार शायद ऐतिहासिक भूल कर रही है।
खान-पान की वस्तुओं पर जीएसटी जनता से अन्याय
दरअसल, देश में पेट्रोल-डीजल के दामों में पहले से ही आग लगी है और अब सरकार ने दही, मट्ठा, अस्पताल जैसी कई चीजों पर पांच फीसदी जीएसटी लगाने का फैसला ले लिया है। महंगाई की मार से पहले से ही जूझ रही आम जनता के लिए यह एक बड़ा झटका है। जीएसटी काउंसिल (GST Council) की पिछले दिनों हुई 47वीं बैठक में रोजमर्रा के इस्तेमाल की कुछ ऐसी चीजों जीएसटी (GST) लगा दिया गया था, जो पहले इसके दायरे से बाहर थी। इसके साथ ही सरकार ने निजी अस्पताल और नर्सिंग होम में 5 हजार रुपए से ऊपर के प्राइवेट रूम में भर्ती होने पर भी जीएसटी लागू कर दिया है।
पोस्ट में लिखा सरकार ऐतिहासिक भूल कर रही है-पालीवाल
18 जुलाई से सामानों पर नई दरें लागू भी कर दी गई हैं। जिसके बाद ट्रेट्रा पैक वाले दही, लस्सी जैसी खाने-पीने की चीजें महंगी हो जाएगी। इसके साथ ही अस्पताल में इलाज कराना भी महंगा हो जाएगा। इसका आम जनता के साथ-साथ कई व्यापारी भी विरोध कर रहे हैं। वहीं इनकम टैक्स के पूर्व पूर्व चीफ कमिश्नर इनकम टैक्स आर के पालीवाल ने खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाने का खुलकर विरोध किया है। उन्होंने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से आमजन से विरोध में साथ जुड़ने की अपील भी की है। उन्होंने लिखा कि, ''अब खाद्य पदार्थों और अस्पताल के कमरों पर भी जीएसटी टैक्स: अंग्रेजों ने नमक पर टैक्स लगाया था, जिसके विरोध में गांधी ने ऐतिहासिक दांडी मार्च किया था जिससे तत्कालीन सरकार की चूलें हिल गई थीं। अब वर्तमान सरकार खाने और स्वास्थ्य सुविधा पर टैक्स लगाकर आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है। ऐसा करके सरकार शायद ऐतिहासिक भूल कर रही है। हम खाद्य पदार्थों और स्वास्थ्य सुविधाओं पर टैक्स का कड़ा विरोध करते हैं। यदि आप भी हमारी तरह सोचते हैं तो इस मुहिम को राष्ट्रव्यापी बनाएं। यही समय है आगे आएं।''
इन चीजों और सेवाओं पर लगाया जीएसटी
टेट्रा पैक वाले दही, लस्सी और बटर मिल्क पर अब से 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा। इसके साथ ही चेक बुक जारी किए जाने पर बैंकों की तरफ से लिए जाने वाली फीस पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। अस्पताल में यदि 5 हजार रुपए (गैर-आईसीयू) से ज्यादा के किराए वाला कमरा लिया जाता है तो उस पर अब 5 फीसदी जीएसटी लगेगा। एटलस समेत मैप और चार्ट पर भी 12 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा। होटलों के 1 हजार रुपए प्रतिदिन से कम किराए वाले रूम पर 12 फीसदी जीएसटी लगेगा। एलईडी लाइट्स, एलईडी लैंप पर लगने वाला जीएसटी 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी हो जाएगा। वहीं ब्लेड, पेपर कैंची, पेंसिल शार्पनर, चम्मच, कांटे वाले चम्मच, स्किमर्स और केक-सर्वर्स आदि पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा। इस सब का सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ेगा।