MANDSAUR. जिले में जानलेवा स्क्रब टाइफस (Scrub typhus) ने मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। पिछले 15 दिनों में 13 मरीज सामने आए हैं। इसमें 10 मरीज मंदसौर और 2 मरीज अन्य जिले के हैं। वहीं एक मरीज राजस्थान का है। लेकिन हालात कुछ और ही कह रहे हैं। दरअसल, शहर के 10 बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल्स में 150 से ज्यादा मरीजों का इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग को भी इसकी जानकारी है। एक मरीज की फेफड़े और किडनी फेल होने से मौत भी हो चुकी है।
ट्रेवल हिस्ट्री में सभी मरीज बाहर से लौटे
सर्वे में जानकारी मिली कि पॉजिटिव मरीज बाहर से लौटे हैं। किसानों को इस बीमारी से ज्यादा खतरा हो सकता है। इसका कारण बताया जा रहा है कि खेतों और अंचल क्षेत्र के घरों में चूहों ज्यादा हैं।
जिले में 2017 में आया था स्क्रब टाइफस
अधिकारियों का कहना है कि मरीजों की पुष्टि के बाद टीम सर्वे आसपास के घरों में सैंपल्स कलेक्ट कर रही है। इससे पहले जिले में 2017 में ये बीमारी सामने आई थी। इसके बाद हर साल केस बढ़ते चले गए। वहीं 2019 में स्क्रब टाइफल के 28 गांव से 53 केस आए थे। इसके बाद भोपाल से स्वास्थ्य विभाग की एक टीम पहुंची थी। टीम ने डॉक्टर्स से मुलाकात की और बीमारी से जुड़े फैक्ट्स और बचाव के तरीके बताए थे। कोरोना काल में बीमारी का असर कम था। लेकिन अब फिर स्क्रब टाइफस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। वहीं लोग भी इस बीमारी को लेकर सजग नहीं हैं।
स्क्रब टाइफस पिस्सूओं से चूहों के जरिए इंसानों में फैलता है
रिपोर्ट्स के मुताबिक पिस्सू चूहे पर चिपक कर इंसानों के घरों में पहुंचते हैं। पिस्सुओं के इंसानों को काटते ही उसके लार में मौजूद बैक्टीरिया (Rickettsiaceae tsutsugamushi) खून में फैल जाता है। इसकी वजह से लिवर, दिमाग और फेफड़ों में इंफेक्शंस हो जाते हैं। पुस्सू के काटने से शरीर पर निशान बन जाता है, जिससे इसकी पहचान होती है।