/sootr/media/post_banners/b71acbc444896a97ca90b173ef5cdacbe8576703d70b8b305b0650a9c06d50db.jpeg)
इंदौर. सफाई में रिकॉर्ड बनाने वाला इंदौर ने एक बार फिर इतिहास रचने दिया। 19 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां एशिया के सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट का वर्चुअली उद्घाटन किया। इसे गोबर-धन प्लांट नाम दिया गया है। इस दौरान पीएम ने कहा कि समय के साथ इंदौर बदला। देवी अहिल्या जी की प्रेरणा को इंदौर ने कभी भी खोने नहीं दिया। देवी अहिल्या जी के साथ ही इंदौर का नाम आते ही आज मन में स्वच्छता आती है। इंदौर का नाम आते ही नागरिक कर्तव्य मन में आता है। जितने अच्छे इंदौर के लोग होते हैं, उतना ही अच्छा उन्होंने अपने शहर को बना दिया है। इंदौर के लोग सिर्फ सेव के शौकीन नहीं है। यहां के लोगों को अपने शहर की सेवा करना भी आता है।
खास बात ये है कि जिस जगह प्लांट बनाया गया है, वहां कभी 15 लाख मीट्रिक टन कचरे का पहाड़ हुआ करता था। प्लांट में रोज 550 टन बायो सीएनजी रोज बनेगी। कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई अधिकारी, नेता शामिल होंगे।
मोदी के भाषण की खास बातें
- दूसरे शहरों को प्रेरणा मिलेगी: शहरों को प्रदूषण मुक्त रखने और गीले कचरे के निस्तारण के लिए यह प्रयास बेहद खास है। शहर में घरों से निकला गीला कचरा, गांवों में पशुओं, खेतों से मिला कचरा हो, यह सब एक तरह से गोबर धन ही है। शहर के कचरे और पशुओं के से गोबरधन और गोबरधन से स्वच्छ ईंधन। उससे यह जीवनधन का निर्माण करती है। इस श्रृंखला की प्रत्येक कड़ी एक-दूसरे से जुड़ी हुई है। इंदौर का यह गोबरधन प्लांट दूसरे शहरों को प्रेरणा देगा। दो वर्षों में 75 बड़े नगर निकायों में बायो सीएनजी प्लांट बनाने का काम किया जा रहा है। यह अभियान भारत के शहरों को स्वच्छ बनाने, प्रदूषण रहित बनाने, क्लीन एनर्जी की दिशा में बहुत मदद करेगा।
400 सिटी बस चलेंगी: कलेक्टर मनीष सिंह के मुताबिक, इस प्लांट की 3 खासियतें हैं। यहां गीले कचरे से बायो सीएनजी बन रही है। सोलर एनर्जी का इस्तेमाल होगा और फिर उसी गैस से करीब 400 सिटी बसें चलाई जाएंगी। कंपनी को इसके लिए 40 से 45 लाख की बिजली लगेगी। फिलहाल शहर में 20 और 15 मीट्रिक टन क्षमता के दो बायो सीएनजी प्लांट लगे हैं।
जैविक खाद का भी प्रोडक्शन: इंदौर में ट्रेंचिंग ग्राउंड स्थित 15 एकड़ में डेढ़ सौ करोड़ रुपए की लागत से एशिया का सबसे बड़ा बायो नेचुरल गैस सीएनजी प्लांट बनाया गया है। प्लांट से रोज करीब 17 से 18 टन बायो सीएनजी का उत्पादन किया जाएगा। साथ ही इसमें सौ टन जैविक खाद का भी प्रोडक्शन होगा। इसका उपयोग जैविक खेती के लिए किया जाएगा। गैस बनने का प्रोसेस तीन चरणों में पूरा होगा। सबसे पहले डाइजेस्टर, उसके बाद बैलून, फिर कंप्रेस्ड होगा। इसके बाद शुद्ध मीथेन गैस रीफिल सेंटर में पाइप लाइन द्वारा पहुंचेगी।
यूरोपीय देशों की तुलना में हाई क्वालिटी: कलेक्टर मनीष सिंह का कहना है कि इंदौर शहर का वेस्ट सेग्रीगेशन हाई क्वालिटी का होने से आईईआईएसएल (दिल्ली) द्वारा इस प्लांट को इंदौर में स्थापित करने का फैसला किया गया। प्लांट लगाने के निर्णय से पहले कंपनी ने गीले कचरे का एक साल में 200 से ज्यादा सैंपल लेकर टेस्टिंग करवाई। परीक्षण के नतीजे में सामने आया कि गीले कचरे में मात्र 0.5 से 0.9% ही रिजेक्ट उपलब्ध है, जो कि अन्य यूरोपीय देशों की तुलना में भी उच्च गुणवत्ता का होना पाया गया।