सीहोर. यहां की गायत्री फूड फैक्टरी संचालकों ने बिना किसी परमिशन के ट्रीटमेंट प्लांट तक पाइप लाइन बिछाने के लिए 2 किमी लंबी सड़क खोद डाली थी। अब फैक्टरी प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एमपीआरडीसी ने एसडीएम को पत्र लिखा है। इसमें बताया गया कि 25 फरवरी को फैक्टरी प्रबंधन को पाइपलाइन निकालने औऱ क्षतिग्रस्त रोड का सुधार कार्य करने के लिए कहा गया था। लेकिन फैक्टरी प्रबंधन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। इसकी वजह से वहां कभी भी हादसे हो सकते हैं। ग्राम पंचायत पीपलिया मीरा ने भी इसका मांग की है। इसलिए फैक्टरी प्रबंधन से पाइपलाइन निकलवाने और रोड का सुधार कार्य करवाने के लिए वैधानिक कार्यवाही करे।
ग्रामीणों ने भी खोला मोर्चा: पीपलिया मीरा पंचायत ने अब जयश्री गायत्री फूड फैक्टरी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सीहोर से 8 किमी दूर इस फैक्टरी से निकल रहे केमिकल युक्त पानी से ग्रामीणों में बीमारी फैल रही है। जहरीला पानी पीने की वजह से बीते 5 साल में एक दर्जन लोग दम तोड़ चुके हैं। द सूत्र लगातार इस मामले को प्रमुखता से उठा रहा है। जिसके बाद कार्रवाई करते हुए बिजली विभाग ने फैक्टरी की लाइन काटी। वहीं सीहोर एसडीएम, मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क प्राधिकरण नोटिस जारी कर चुका है। मामला एनजीटी में विचाराधीन भी है। अब इस मामले में पीपलिया मीरा पंचायत ने भी मोर्चा खोल दिया है। सरपंच, सचिव, पंच व ग्रामीणों ने पनीर फैक्टरी को लेकर ग्राम सभा की। जिसमें पंचायत द्वारा फैक्टरी को दी गई एनओसी निरस्त की गई। साथ ही प्रस्ताव बनाकर फैक्टरी समेत जनपद सीईओ को भेजा गया।
पंचायत ने बनाए तीन प्रस्ताव: पंचायत ने पूरे मामले को लेकर तीन प्रस्ताव बनाए, जिन्हें मुख्यमंत्री, कलेक्टर, जनपद सीईओ सहित पनीर फैक्टरी प्रबंधन को भेजा गया है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पानीर फैक्टरी का कैमिकल्स मिला जहरीला पानी पिछले पांच साल से ग्रामीणों को नुकसान पहुंचा रहा है। यह पानी सीवन नदी में बहकर जल स्त्रोतों में मिलता है। इससे पशु, जीव-जन्तु व फसलों का नुकसान पहुंच रहा है। ग्रामीणों की मांग है कि बिना अनुमति के खोदी गई प्रधानमंत्री सड़क को दोबारा बनाया जाए। साथ ही पनीर फैक्टरी प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज हो। इसके अलावा भगवानपुरा तालाब के पास बनाए जा रहे ट्रीटमेंट प्लांट को हटाया जाने की मांग की है।
पीड़ित ग्रामीणों को दिया जाए मुआवजा: ग्राम पंचायत ने सर्वसम्मति से तीन प्रस्ताव बनाए गए, जिसके माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड नई दिल्ली, एनजीटी भोपाल, मप्र प्रदूषण बोर्ड सहित कलेक्टर चंद्र मोहन ठाकुर को प्रस्ताव भेजकर मांग की है कि लोगों की मौतों सहित पीड़ितों का उपचार, मवेशियों की क्षति, फसल का मुआवजा आदि की मांग की है। बैठक में सरपंच प्रतिनिधि, सचिव बीरबल परमार, पंच सहित ग्रामीण व किसान मौजूद थे।