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भोपाल. कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने रायसेन किले के मंदिर को लेकर शिवराज सिंह चौहान पर तंज कसा है। रायसेन में 12वीं सदी में बना सोमेश्वर महादेव मंदिर है। यह सिर्फ महाशिवरात्रि पर खुलता है। अन्य दिनों में इस पर ताला लटका रहता है। इस वजह से सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा ने रायसेन में कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के राज्य में 'शिव' कैद में है। तुम लड्डू खा रहे हो। अरे.. आसपास कोई तालाब हो तो चुल्लू भर पानी भरकर ले आओ। पंडित मिश्रा ने रायसेन में शिव महापुराण के दौरान व्यास गद्दी से भक्तों को संबोधित किया।
पुरातत्व विभाग ने मंदिर पर डाला ताला
पंडित मिश्रा ने कहा जब से देश आजाद हुआ तब से मेरे भगवान के मंदिर में ताला डला है। सन 1974 में एक मुख्यमंत्री जी आए थे और केवल 1 दिन के लिए ताला खोलकर गए थे। रायसेन के दशहरा मैदान पर 3 अप्रैल से श्री शिव महापुराण कथा का आयोजन किया गया है। रोजाना दोपहर 2 से 5 बजे तक शिव महापुराण की कथा का पाठ होता है। पं. प्रदीप मिश्रा ने कहा कि रायसेनवासियों तुम पर धिक्कार है। शिव मंदिर पर ताला डला है और आप लोग दीवाली मना रहे हो। यह सबके लिए शर्म की बात है। देश आजाद हो गया है, लेकिन आज तक मेरा शंकर आजाद नहीं हुआ। सोमेश्वर महादेव मंदिर और मस्जिद को लेकर विवाद है। पुरातत्व विभाग ने मंदिर पर ताले डाल रखे हैं। 1974 तक तो मंदिर में प्रवेश तक बंद था। तब एक बड़ा आंदोलन हुआ था। उस समय के मुख्यमंत्री और दिवंगत कांग्रेस नेता प्रकाशचंद सेठी ने खुद किला पहाड़ी स्थित मंदिर के ताले खुलवाए थे। महाशिवरात्रि पर एक बड़ा मेला आयोजित हुआ। तब से साल में एक बार महाशिवरात्रि पर ताला खोलने की परंपरा शुरू हुई।
मुख्यमंत्री से अपील की
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सनातनी हैं। प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सनातनी हैं। मैं उनसे अपील करता हूं कि वे महादेव को कैद से मुक्त कराएं। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि उनमें ताकत है। वे इस प्रदेश के राजा है। उन्होंने मध्यप्रदेश को चार चांद लगाए हैं। एक और चांद लगाएं। जनता उनके साथ खड़ी है। कथा के दौरान ही मंदिर का ताला खुले तो यह रायसेनवासियों के लिए गर्व की बात होगी। सोमेश्वर महादेव मंदिर के कुछ भक्त ऐसे हैं जो ताला होने के बाद भी गेट के बाहर से ही पूजा करते हैं। मन्नत मांगकर चले जाते हैं। मंदिर के लोहे के दरवाजे पर कलावा और कपड़ा बांध जाते हैं। मन्नत पूरी होने पर कपड़े को खोलने आते हैं।