Bhopal. मध्यप्रदेश में सरकार ने पटवारियों के 5 हजार 204 नए पद बढ़ाने का ऐलान किया है। इन पदों पर 3 साल के अंदर नई भर्तियां होंगी। शिवराज सरकार की इस घोषणा को मिशन-2023 से जोड़कर देखा जा रहा है। 2023 में मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। युवा वोटरों को साधने के लिए इसे शिवराज सरकार का पहला दांव माना जा रहा है। सरकार का कहना है कि पटवारियों का वर्कलोड कम करने के लिए पद बढ़ाए गए हैं। पिछले 5 सालों से मध्यप्रदेश सरकार ने पटवारी भर्ती नहीं निकाली थी। लेकिन अब सरकार कहीं न कहीं एक तीर से दो निशाने साध रही है।
मध्यप्रदेश में पटवारी के 24 हजार 224 पद
मध्यप्रदेश में पटवारी के 19 हजार 20 पद स्वीकृत थे। इनमें से 1 हजार 630 पद खाली हैं। नए पद जुड़ने के बाद खाली पदों की संख्या 6 हजार 834 हो गई है। पिछले पांच सालों से पटवारियों की भर्ती नहीं निकाली थी। राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत कहना है कि जल्द ही पटवारी भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। लेकिन मध्यप्रदेश सरकार 2017 में निकाली गई भर्ती के सभी पदों को भर नहीं सकी थी।
पटवारियों का वर्कलोड मैनेज करने की कवायद
मध्यप्रदेश सरकार का कहना है कि पटवारियों पर वर्कलोड बहुत ज्यादा है। उनके वर्कलोड को कम करने के लिए नए पद बढ़ाए गए हैं। लैंड रिकॉर्ड के आधुनिकीकरण कार्य और भू-प्रबंधन के लिए सरकार नगर सर्वेक्षक की नियुक्ति करेगी। पटवारी लैंड रिकॉर्ड मूल्य कार्य के अलावा न्यायालयीन प्रतिवेदन, नामांतरण-बंटवारा रिपोर्ट, गिरदावरी फसल बीमा, उपार्जन, जाति प्रमाण पत्र, बीपीएल जांच, कृषि गणना, ऋण वसूली में सहयोग जैसे दूसरे काम भी करते हैं।
पटवारी भर्ती में शामिल होने के लिए योग्यता
पटवारी भर्ती के लिए ग्रेजुएशन डिग्रीधारी अप्लाई कर सकेंगे। इसके साथ ही ज्वॉइनिंग के दो साल के अंदर CPCT पास करना अनिवार्य किया जा सकता है। कटऑफ डेट पर कैंडिडेट की उम्र 40 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। महिलाओं और आरक्षित वर्ग को तय मापदंड के मुताबिक छूट दी जाएगी।
पटवारी भर्ती परीक्षा कौन कराएगा ?
पिछली बार पटवारी भर्ती परीक्षा PEB ने कराई थी। मध्यप्रदेश सरकार ने PEB की जगह कर्मचारी चयन बोर्ड का गठन करने का फैसला किया है। अगर भर्ती निकलने से पहले नया बोर्ड गठित हो जाता है, तो नया बोर्ड परीक्षा कराएगा। अगर नए बोर्ड का गठन नहीं होता है तो PEB ही पटवारी भर्ती परीक्षा कराएगा।