INDORE: नगर निगम की लापरवाही की सजा भुगत रही जनता,थोड़ी-सी बारिश से सड़कों पर भरा पानी, लोग परेशान

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The Sootr CG
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INDORE: नगर निगम की लापरवाही की सजा भुगत रही जनता,थोड़ी-सी बारिश से सड़कों पर भरा पानी, लोग परेशान

योगेश राठौर, INDORE. इंदौर सहित आसपास के ज्यादातर हिस्सों में 1 और 2 जुलाई को तेज बारिश (heavy rain) की चेतावनी जारी की गई है। दिल्ली मौसम केंद्र (Delhi Meteorological Station) ने इंदौर सहित पूरे पश्चिमी मप्र के लिए ऑरेंज अलर्ट(Orange Alert)जारी किया है। वहीं इंदौर में सुबह से तेज हवाओं और गरज-चमक के साथ बारिश का दौर शुरू हो चुका है। इंदौर में 2 दिन से तेज उमस और गर्मी के बाद 30जून (गुरुवार) सुबह से ही बादल छाए रहे। लेकिन कुछ देर बाद ही अलग-अलग इलाकों में घने बादल छाने के साथ ही बारिश का दौर शुरू हो गया। करीब 10 बजे के बाद से पूरे इंदौर में बारिश का दौर शुरू हो गया है। कल इंदौर में दिन का अधिकतम तापमान 32.4 डिग्री रहा, जो सामान्य तापमान से 1 डिग्री कम था। वहीं रात का न्यूनतम तापमान 25.2 डिग्री रहा, जो सामान्य से 2 डिग्री ज्यादा था।  



नगर निगम की लापरवाही से परेशान लोग



बारिश होने के बाद गर्मी से हलकान लोगों ने जहां राहत की सांस ली तो दूसरी ओर बारिश ने लोगों की परेशानी भी बढ़ा दी। हर बार की तरह नगर निगम की लापरवाही या यूं कहे बारिश से पहले कोई तैयारी नहीं होने से शहर के कई इलाकों में जलजमाव की स्थिति बन गई। थोडी सी बारिश ने ही इंदौर नगर निगम (Indore Municipal Corporation) के दावों की पोल खोल दी। शहर में बीते साल भी हल्की बारिश में ही भारी जलजमाव हो गया था। इसे देखते हुए इस बारिश के मौसम में भी शहर के कई इलाकों में जलजमाव की आशंका जताई जा रही है। 



पिछले साल भी बारिश से कई स्थानों पर बनी थी जलजमाव की स्थिति



बीते एक साल में अधिकारी 251 में से केवल 48 स्थानों को ही दुरुस्त कर पाए हैं,जहां पिछली बार बारिश का पानी जमा हो गया था। शहर में 203 स्थान ऐसे हैं,जहां न तो स्टॉर्म वाटर लाइन डाली गई है और न ही अन्य इंतजाम किए गए हैं। दरअसल पिछले साल बारिश के मौसम में शहर में कई स्थानों पर जलजमाव की स्थिति बन गई थी। इससे उस क्षेत्र के रहवासी परेशान हुए थे। निगम ने पिछली बार की लापरवाही को देखते हुए केवल 18 जगह स्टॉर्म वाटर लाइन और 6 जगह रोड बनाई है। 22 स्थानों पर लाइन की सफाई भी की गई है। वहीं चंद्रभागा, कलेक्टर चौराहा, पलसीकर, सिंगापुर अंडरपास सहित 203 स्थानों पर पहले जैसी ही स्थिति है। हालांकि शहर की यह स्थिति वाटर प्लस सिटी के नाम हुई मनमानी नाला टैपिंग के कारण हुई है,जो कि निगम ने बिना प्लानिंग नाले टैप किए। इससे सीवर का पानी तो नदी में जाने से रुका ही वही बारिश के पानी के लिए भी जगह नहीं बची। पिछले साल विजय नगर क्षेत्र में पानी भरने की समस्या आई थी। वहां नगर नीगम ने सड़क का निर्माण कर दावा किया  कि अब यहां पानी भरने की समस्या नहीं आएगी।  नगर निगम का ये दावा कितना सही होता है ये तो कुछ दिन में ही पता चल जाएगा। 



जरा- सी बारिश से बनी तालाब जैसी हालत 



हर बार की तरह इस बार भी शहर के प्रमुख पूर्वी रिंग रोड़(Major Eastern Ring Road) के खजराना चौराहे(Khajrana Crossroads) पर 30 जून (गुरुवार) को हुई बारिश के बाद स्थिति बद से बदतर दिखाई दी। जरा सी बारिश ने ही यहां तालाब जैसी हालत बना दी। खजराना मंदिर जाने वाले रास्ते पर भी 1-1 फीट पानी भर गया था। यहां से निकलने वाले वाहन भी पानी के कारण बंद हो गए जिसके कारण वाहन चालक परेशान होकर नगर निगम को कोसते दिखाई दिए। इससे ज्यादा हालत तो यहां के दुकानदारों (shopkeepers) की खराब रही आनंद बाजार की ओर जाने वाले मार्ग की दुकानों के मुहानों तक पानी भर गया था। थोडी देर और तेज बारिश होती तो पानी दुकानों के अंदर तक पहुंच जाता। नगर निगम ने अगर बारिश के पानी की सही निकासी की होती तो शायद इस तरह के हालात नही होते। अभी तो बारिश अपने सबाब पर भी नही आई और हालात ऐसे हो रहे है। मुसलाधार बारिश का दौर शुरु होगा तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि हालात क्या होंगे। नगर निगम ने अपने कर्मचारियों को पानी जमा न हो इसके लिए काम से लगा दिया और वो भी एक झाडू के सहारे पानी अवरुध्द करने वाले कचरे को हटाने का प्रयास करते रहे लेकिन जलनिकासी नाकाफी इंतजाम के कारण जगह जगह पानी जमा हो गया।


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