Khargone. खरगोन में दंगे पुलिस की लापरवाही से ही भड़के थे। इंटेलिजेंस ने रामनवमीं से 10 दिन पहले ही खरगोन पुलिस को इंटेलिजेंस 10 दिन पहले ही अलर्ट किया था। बिगड़े हुए हालातों की जानकारी दी थी। IG और SP को पूरी सीक्रेट रिपोर्ट दी गई थी, लेकिन खरगोन पुलिस ने इंटेलिजेंस के इनपुट को हल्के में लिया। इंटेलिजेंस ने तालाब चौक और जामा मस्जिद सहित 7 जगहों पर स्पेशल सिक्योरिटी रखने की बात कही थी। 3 लेयर सिक्योरिटी का प्रबंध करने को कहा था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इंटेलिजेंस ने जो 7 जगहें बताई थीं, रामनवमी पर उन्हीं जगहों पर उपद्रव हुआ था।
जुलूस पर पथराव के बाद बिगड़े थे हालात
रामनवमी पर सबसे ज्यादा संवेदनशील तालाब चौक इलाके में जुलूस पर पथराव के बाद हिंसा भड़क गई। देखते ही देखते पूरे शहर में उपद्रव हो गया। इंदौर रेंज के आईजी राकेश गुप्ता का कहना है कि वे रामनवमी पर पूरी तरह सतर्क थे। खरगोन और खंडवा को अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजा गया था लेकिन उसका इस्तेमाल किस तरह किया गया मालूम नहीं।
सीएम शिवराज ने इंटेलिजेंस को फटकारा था
सीएम शिवराज ने कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए इंटेलिजेंस के अफसरों को फटकारा था। सीएम ने दंगों का इनपुट नहीं मिलने की वजह से अफसरों की क्लास लगाई थी। सीएम शिवराज ने ADG आदर्श कटियार से पूरा एक्शन प्लान मांगा था।
इंटेलिजेंस ने बताए थे 7 स्पॉट, वहीं भड़के दंगे
इंटेलिजेंस ने खरगोन के 7 स्पॉट पर 3 लेयर सिक्योरिटी रखने की बात कही थी। इन्हीं 7 जगहों पर उपद्रव हुआ। तालाब चौक, जामा मस्जिद, गुरुवा दरवाजा, कलाली कुआं, झंडा चौक, धान मंडी मस्जिद और कहारवाड़ी इलाके में उपद्रव हुआ। पुलिस प्रशासन ने इंटेलिजेंस की रिपोर्ट को हल्के में लिया और 7 जगहों पर 3 लेयर सिक्योरिटी का इंतजाम नहीं किया, इसलिए दंगों में पूरा शहर जल उठा।