INDORE. देर-सबेर पुलिस जब किसी को संदिग्ध मानकर रोकती है, पूछताछ करती है तो सामने वाला नाम, पता आदि गलत बताकर रवाना हो जाता है। पुलिस के पास भी ये जानकारी क्रॉस चेक करने का कोई संसाधन मौजूद नहीं रहता है। लेकिन अब पुराने अपराधियों, बदमाशों के लिए पुलिस को चकमा देना मुश्किल हो जाएगा। इंदौर पुलिस ने एक थंब इंप्रेशन मशीन के साथ पुराने बदमाशों के फिंगर प्रिंट के डेटा को साफ्टवेयर से लिंक किया है, जब भी पुलिस किसी को संदिग्ध मानेगी तो वो थंब इंप्रेशन मशीन पर संबंधित के थंब इंप्रेशन लेगी और सॉफ्वेयर तत्काल पता लगाएगा कि संबंधित के खिलाफ किसी थाने में कोई केस है या नहीं। सभी केस की जानकारी निकल जाएगी।
5 हजार से ज्यादा अपराधियों के रिकॉर्ड और फिंगर प्रिंट अपलोड
प्रांरभिक तौर पर अभी 5 हजार से ज्यादा अपराधियों के रिकॉर्ड और फिंगर प्रिंट सॉफ्टवेयर में अपलोड किए गए हैं। हालांकि क्राइम ब्रांच इंदौर के पास ही डेढ़ लाख अपराधियों के रिकॉर्ड मौजूद हैं, जिसे स्कैन करके सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जाना है।
अभी 14 मशीनों के साथ काम शुरू
पुलिस कमिशनर हरिनारायण चारी मिश्र ने बताया कि अभी 14 मशीनों के साथ ये चेकिंग काम शुरू हो रहा है। 100 मशीन बुलाई गई हैं। इसके साथ ही लगातार डाटा स्कैन करके अपलोड कर रहे हैं, जिससे अधिकांश के रिकॉर्ड सॉफ्टवेयर में आ जाएंगे। सॉफ्टवेयर डेवलपर राकेश जैन ने बताया कि ये जांच करना काफी आसान है, केवल मोबाइल से थंब इंप्रेशन मशीन को लिंक करना है और संबंधित के इंप्रेशन लेना है, सॉफ्टवेयर में अगर उसका डाटा है तो पूरी कुंडली बाहर आ जाएगी।
देशभर में हो रहा डाटा रिकॉर्ड करने का काम
पूरे देश में अपराधियों के रिकॉर्ड रखने का काम चल रहा है। सभी जगह फिंगर प्रिंट लिए जा रहे हैं। जब ये डाटा पुलिस एक-दूसरे से शेयर कर नेशनल सर्वर से लिंक कर देगी तो पूरे देश में इस तरह अपराधियों को पहचानना आसान हो जाएगा।