GUNA. गुना की बिजली व्यवस्था संभालने वाली मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी की मनमानी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। कभी भी बिजली काट देना, उपभोक्ताओं की सुनवाई नहीं करना और मनमाने बिल थमा देना। इन सभी कृत्यों को देखकर लोग मजाकिया लहजे में कहने लगे हैं कि ये बिजली कम्पनी है या डी कम्पनी। लगता है बिजली कम्पनी ने ठान लिया है कि कुछ भी करेंगे और लोगों को बर्दाश्त करना होगा। गुना शहर के एक विशेष क्षेत्र में पिछले 3 दिनों से जारी बिजली कम्पनी की मनमानी देखकर तो ऐसा ही लगता है।
रोजाना 8 से 9 घंटे की अघोषित कटौती
मामला शहर के बोहरा मस्जिद, अस्पताल रोड, ख्यावदा चौराहा और शास्त्री पार्क जैसे व्यस्ततम, कामकाजी और पॉश क्षेत्र से संबंधित है। इन क्षेत्रों में मंगलवार से लेकर गुरुवार तक रोजाना 8 से 9 घंटों की अघोषित कटौती की जा रही है। दुकानदार और रहवासी बताते हैं कि सुबह 9 या 10 बजे से बिजली गुल हो जाती है और शाम 5 बजे के बाद ही सप्लाई शुरू की जा रही है। ऐसा क्यों किया जा रहा है, इसको लेकर बिजली कम्पनी के आला अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं है।
शिकायत करने पर नहीं मिल रहा संतोषजनक जवाब
लोग मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के टोल फ्री और शिकायत नम्बर पर लगातार सम्पर्क कर रहे हैं, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिल पा रहा है। बिजली कटौती से लोगों के कामकाज ठप हो गए हैं और अधिकारियों के रवैए से मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है। एक अनुमान के मुताबिक रोजाना एक हजार से ज्यादा परिवार और दुकानदार परेशान हो रहे हैं। शास्त्री पार्क से लेकर ख्यावदा चौराहे तक व्यवसायिक प्रतिष्ठान बड़ी संख्या में है। जिनमें से अधिकांश संस्थान बिजली पर ही निर्भर हैं। उमस भरी गर्मी में लोगों को पंखे और एसी की आवश्यकता है लेकिन उमस के साथ-साथ लोगों को बिजली कम्पनी की मनमानी भी झेलनी पड़ रही है।
क्या हैं परमिट के नियम ?
जब भी बिजली कम्पनी की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाया जाता है तो मेंटेनेंस का हवाला देकर अधिकारी अपनी मनमानी को सही ठहराते हैं। ज्यादातर मामलों में परमिट लेने का जिक्र किया जाता है। लेकिन नियम है कि बिजली कम्पनी 3 घंटे से ज्यादा किसी व्यवसायिक क्षेत्र में परमिट लेकर भी सप्लाई बंद नहीं कर सकती है। अगर कोई मेंटेनेंस करना है तो उसे अलग-अलग शिफ्टों में किया जाना चाहिए।