Jabalpur. जबलपुर हाईकोर्ट ने साल 2016 की पुलिस भर्ती में आरक्षित वर्ग के प्रतिभाशाली आरक्षकों को बड़ी राहत देते हुए उन्हें उनकी पसंदीदा पदस्थापना देने की राह खोल दी है। अदालत ने डीजीपी व एडीजी प्रशासनिक को दो माह के अंदर इस संबंध में विचार कर उचित आदेश पारित करने के निर्देश दिए हैं। जस्टिस मनिंदर सिंह भट्टी की एकलपीठ की अदालत में यह मामला सुनवाई के लिए आया था।
क्या है मामला?
दरअसल वर्ष 2016 में पुलिस भर्ती में आरिक्षत वर्ग के प्रतिभागियों के मेरिट में टॉप होने पर उनका चयन अनारक्षित वर्ग में किया गया था, लेकिन उन्हें उनकी च्वाइस फिलिंग के आधार पर पदस्थापना नहीं दी गई। याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने अदालत में यह बताया कि अनारक्षित वर्ग में चयनित आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को एसएएफ बटालियन में पदस्थापना दी गई। जबकि उनसे कम रैंक वाले प्रतिभागी जिला पुलिस बल, स्पेशल ब्रांच और क्राइम ब्रांच में पहुंच गए। वकीलों ने जिसे इंद्रा साहनी बनाम
भारत संघ केस में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को विपरीत बताया।
पुलिस विभाग को दिए निराकरण के आदेश
अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद याचिका को अलग करते हुए पुलिस के आला अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का पालन करते हुए याचिकाकर्ताओं के अभ्यावेदन का निराकरण करने के निर्देश दिए हैं।