दमोह में 5 किमी तक खाट पर ले जाई गई गर्भवती, बीच रास्ते में ही हुई डिलीवरी, सड़क के अभाव में नहीं पहुंच सकी एंबुलेंस

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Rajeev Upadhyay
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दमोह में 5 किमी तक खाट पर ले जाई गई गर्भवती, बीच रास्ते में ही हुई डिलीवरी, सड़क के अभाव में नहीं पहुंच सकी एंबुलेंस

Damoh. आज देश भले ही डिजीटल इंडिया की ओर बढ़़ रहा है और गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए सड़कों का जाल बिछाने की बात सरकार द्वारा कही जाती है, लेकिन दमोह जिले के कई ग्रामीण अंचल ऐसे हैं जहां आज भी सड़क का अभाव है और आलम यह है कि प्रसूता महिलाओं और बीमार मरीजों को खाट पर पर लिटाकर मुख्य मार्ग तक लाना पड़ता है। ऐसा ही एक मामला जिले के पटेरा जनपद अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत जोगीडाबर के ग्वारी गांव में सामने आया है। जहां एक महिला को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उसे खाट पर लिटाकर 5 किमी चलकर मुख्य मार्ग तक ला रहे थे, लेकिन बीच रास्ते में ही उसका प्रसव हो गया और मुख्य मार्ग तक पहुंचने के बाद करीब आधे घंटे के बाद 108 वाहन पहुंचा जिसके बाद महिला को कुम्हारी स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। वहां हालत गंभीर होने पर उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया है।



यह है मामला




जोगीडाबर ग्राम पंचायत के ग्वारी गांव में रहने वाले पप्पू आदिवासी की गर्भवती पत्नी नन्हीबाई 24 वर्ष को शनिवार की दोपहर तेज दर्द उठा। परिजनो ने 108 को फोन लगाया, लेकिन मुख्य मार्ग से गांव तक सड़क न होने के कारण वाहन पहुंच नहीं सकता था। इसलिए परिजन दर्द से कराह रही महिला को खाट पर लिटाकर पांच किमी चलकर मुख्य मार्ग बम्हनी तक ला रहे थे, लेकिन रास्ते में ही खाट पर महिला का

प्रसव हो गया। इसके बाद मुख्य मार्ग पर पहुंचने के बाद कुछ देर में 108 वाहन पहुंचा जिसके बाद महिला को इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। जहां महिला की हालत गंभीर होने पर उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया। यह महिला का दूसरा प्रसव है।



स्थानीय ग्रामीण भी गांव में सड़क न होने से आक्रोश में हैं उनका कहना है कि विधायक, सांसद चुनाव के दौरान गांव में आते हैं और कई प्रकार के विकास कार्य के वादे कर जाते हैं, लेकिन जीतने के बाद वापस लौटकर नहीं आते। ग्रामीण शासन, प्रशासन से सड़क निर्माण की गुहार लगाकर थक चुके हैं, लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हो सकी। आदिवासी बाहुल्य गांव के लोग मूलभूत सुविधाओं को मोहताज हैं।



विधायक ने भी माना सड़क का है अभाव




पटेरा ब्लाक हटा विधानसभा अंतर्गत आता है इसलिए जब हटा के भाजपा विधायक पीएल तंतवाय से बात की तो उन्होंने भी माना कि गांव में सड़क का अभाव है। तंतवाय ने बताया कि उन्होंने ग्वारी गांव सहित अन्य सड़क विहीन गांव में सड़क निर्माण के लिए कलेक्टर को पत्र लिखा है आरइएस विभाग के द्वारा मुरम डालकर जो सड़क बनाई जाती है उसके लिए कलेक्टर को लिखा है।



वहीं महिला के साथ जिला अस्पताल पहुंची आशा कार्यकर्ता गीता ठाकुर ने बताया की ग्वारी गांव में सड़क नही है। आज गर्भवती महिला नन्हीबाई को खाट पर लिटाकर मुख्य मार्ग तक ला रहे थे लेकिन बीच रास्ते में उसका प्रसव हो गया। जिसके बाद कुम्हारी से जिला अस्पताल रेफर किया गया। जहां महिला और बच्चा दोनो स्वस्थ हैं।


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