INDORE : जनहित याचिका दायर करने की तैयारी, अधिकारी और कलेक्टर पर केस के साथ विभागीय मंत्री और सीएम का इस्तीफा मांगा

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The Sootr CG
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INDORE : जनहित याचिका दायर करने की तैयारी, अधिकारी और कलेक्टर पर केस के साथ विभागीय मंत्री और सीएम का इस्तीफा मांगा

संजय गुप्ता, INDORE. कारम डैम मामले में इसके जल प्रवाह के दायरे में आने वाले गांव के रहवासी लोकेश सोलंकी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पूरे घोटाले को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने की तैयारी कर ली है। सोलंकी ने द सूत्र से चर्चा करते हुए कहा कि इस डैम को बनाने में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। धार कलेक्टर ने सबकुछ देखने के बाद भी जलभराव की मंजूरी कैसे दे दी और नहीं दी तो फिर जल भराव हुआ कैसे, ये सब देखा जाना चाहिए।



अधिकारी और कलेक्टर पर केस, विभागीय मंत्री और सीएम के इस्तीफे की मांग



जल संसाधन विभाग के अधिकारियों और धार कलेक्टर पर आपराधिक केस होना चाहिए। गांव काकड़दा के लोकेश ने कहा कि विभागीय मंत्री तुलसी सिलावट और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और तत्कालीन जल संसाधन मंत्री को भी जवाब देना चाहिए।



बार-बार बताता रहा डैम में गड़बड़ी, किसी ने नहीं सुनी



सोलंकी ने कहा कि बार-बार हर स्तर पर इस मामले में शिकायत करता रहा कि डैम बनाने में गड़बड़ी हो रही है। डैम में पत्थर भरे गए, इसके कारण कमजोर रहा, मिट्‌टी को दबाया नहीं गया। इन सभी के दस्तावेज, फोटो, वीडियो भी पेनड्राइव में दिए लेकिन किसी ने नहीं सुनी। नतीजतन करोड़ों का भ्रष्टाचार बहकर बाहर आ गया।



अनुभवहीन इंजीनियर देख रहे प्रोजेक्ट



सोलंकी ने आरोप लगाया कि प्रदेश में अरबों रुपए के बांध निर्माण और जल संसाधन विभाग की परियोजनाएं अनुभवहीन अधिकारियों और इंजीनियरों के हवाले हैं। जल संसाधन विभाग के मैनुअल अनुसार अपर मुख्य सचिव, ईएनसी प्रमुख अभियंता और कार्यपालन यंत्री ने काम नहीं किया है और ना ही निर्माणाधीन बांध का निरीक्षण किया है। 50 करोड़ के ऊपर के प्रोजेक्ट के लिए ईएनसी को हर माह अपर मुख्य सचिव प्रमुख सचिव/सचिव को साल में एक बार प्रोजेक्ट स्थल का निरीक्षण करना चाहिए।



निरीक्षण रिपोर्ट और सॉइल टेस्ट रिपोर्ट करें सार्वजनिक



द सूत्र से बात करते हुए सोलंकी ने कहा कि विभाग द्वारा डैम को लेकर की गई निरीक्षण रिपोर्ट सार्वजनिक की जाना चाहिए। बांध निर्माण के दौरान सॉइल टेस्ट, निर्माण कार्य की कोट कटिंग टेस्ट, पडल टेस्ट, कॉम्पेक्शन टेस्ट की हर लेबल की रिपोर्ट सार्वजनिक करते हुए उच्च स्तरीय जांच की जाना चाहिए। इस मामले में संबंधित अधिकारियों की मोबाइल की कॉल डीटेल भी सार्वजनिक की जानी चाहिए।



पानी में बह गया 304 करोड़ का प्रोजेक्ट



धार में कारम नदी पर डैम का काम साल 2018 में दिया गया था, जो 2021 में पूरा होना था। 304 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में पहली बारिश में ही 10-11 अगस्त के दौरान दीवार से रिसाव देखा गया, इसके चलते 18 गांव के 20 हजार से ज्यादा लोगों की जान पर बन गई। आखिर 4 दिन की मेहनत के बाद 14 अगस्त की रात को डैम का पानी दीवार को काटकर बाहर निकाला जा सका।

 


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