चुनाव से पहले डिजिटल मीडिया को भी 'सरकारी दाना' डालने की तैयारी, आएगा ये बिल

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चुनाव से पहले डिजिटल मीडिया को भी 'सरकारी दाना' डालने की तैयारी, आएगा ये बिल

इस दौर में डिजिटल मीडिया (digital media) का अपना एक अलग वजूद बन चुका है। इससे कोई इंकार नहीं करता। तेजी से बढ़ते इस मीडिया का महत्व राजनीतिक दल (political parties) भी समझ रहे हैं। इसलिए चुनाव से पहले मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार ने डिजिटल मीडिया को भी सरकारी दाना डालने की तैयारियां शुरू कर दी है। न्यूज वेबसाइट (News Website) और डिजिटल मीडिया (Digital Media) के लिए सरकार जल्द ही विज्ञापन (Advertising) नीति जारी कर सकती है। इसका प्रस्ताव तैयार है। इस पर चर्चा होना बाकी। 





बीते सालों में इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ा: पांच राज्यों के हाल ही में हुए चुनाव में सबसे ज्यादा जोर डिजिटल मीडिया का रहा क्योंकि कोरोना के चलते चुनाव आयोग ने वर्चुअल रैलियों की इजाजत दी थी। बीजेपी ने 100 वर्चुअल रैलियां करने की रणनीति बनाई थी। लगभग हर राजनीतिक दल ने सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया का भरपूर इस्तेमाल किया। उसकी वजह भी है क्योंकि डिजिटल प्लेटफॉर्म आज के दौर में लोगों पर अच्छा खासा असर डाल रहा हैं।  2021 में जब केंद्र सरकार ने डिजिटल मीडिया पॉलिसी बनाई तो ये आंकड़ा निकलकर सामने आया कि पिछले 6 साल में इंटरनेट डेटा का इस्तेमाल 43 गुना बढ़ चुका है। भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता ओटीटी मार्केट है। साल 2024 तक ये 28 फीसदी की बढोत्तरी के साथ 2.9 बिलियन डॉलर का बाजार होगा।





यूनिक यूजर के आधार पर मिलेगा विज्ञापन: डिजिटल मीडिया का बढ़ता प्रभाव यकीनन चुनाव पर असर डालता है। इसी को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने न्यूज वेबसाइट और डिजिटल मीडिया के लिए विज्ञापन नीति का एक ड्राफ्ट तैयार किया है। प्रस्तावित पॉलिसी में जो मापदंड तय किए गए हैं। उसमें यूनिक यूजर को आधार बनाया गया है। यूनिक यूजर यानी उस वेबसाइट के कितने यूजर्स है। इसी से उसकी लोकप्रियता का पता चलता है और इसी के आधार पर विज्ञापन की दरें तय की जाती है।





प्रस्तावित पॉलिसी में यूनिक यूजर के आधार पर वेबसाइट्स को A से लेकर G तक सात कैटेगरी में बांटा गया है-







  • A कैटेगरी उन वेबसाइट्स के लिए है, जिनकी यूजर संख्या हर महीने 50 लाख या उससे ज्यादा है। ऐसी कैटेगरी वाली साइट को फिक्स्ड बैनर के रुप में  75 हजार रुपए एक दिन का विज्ञापन मिलेगा यानि कि महीने का 22 लाख 50 हजार रुपए।



  • B कैटेगरी उन वेबसाइट्स के लिए है, जिनकी यूजर संख्या हर महीने 20 से  50 लाख है। इस कैटेगरी के लिए भी फिक्स्ड बैनर के रूप में 75 हजार रुपए एक दिन के विज्ञापन का तय किया गया है।


  • C कैटेगरी उन वेबसाइट्स के लिए है, जिनकी यूजर संख्या हर महीने 2.5 लाख से 20 लाख के बीच है। इस कैटेगरी के लिए एक दिन का 40 हजार रुपए का विज्ञापन तय किया गया है। यानि कि महीने का 12 लाख रुपए।


  • D कैटेगरी में ऐसी वेबसाइट आएंगी, जिनकी यूजर संख्या हर महीने 1 लाख से 2.5 लाख के बीच हो। उनके लिए 60 हजार रुपए तय किए है। वहीं, वीडियो विज्ञापन 30 दिन के लिए तय किए हैं।


  • E कैटेगरी में ऐसी वेबसाइट आएंगी, जिनकी यूजर संख्या हर महीने 50 हजार से 1 लाख के बीच हो। उनके लिए 40 हजार रुपए तय किए है। वहीं, वीडियो विज्ञापन 30 दिन के लिए तय किए हैं।


  • F कैटेगरी में ऐसी वेबसाइट आएंगी, जिनकी यूजर संख्या हर महीने 20 हजार से 50 हजार के बीच हो। उनके लिए 25 हजार रुपए तय किए है। वहीं, वीडियो विज्ञापन 30 दिन के लिए तय किए हैं।


  • G कैटेगरी में ऐसी वेबसाइट आएंगी, जिनकी यूजर संख्या हर महीने 5 हजार से 20 हजार के बीच हो। उनके लिए 15 हजार रुपए तय किए है। वहीं, वीडियो विज्ञापन 30 दिन के लिए तय किए हैं।






  • सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को भी मिलेगा विज्ञापन: इसके साथ ही ब्लॉगर्स और सोशल मीडिया जैसे यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर को भी विज्ञापन देने की योजना है। सबसे महत्वपूर्ण तो ओटीटी प्लेटफॉर्म हैं, जिसमें हाट स्टार, प्राइम वीडियो, जी-5 और सोनी लिव है। अब ये प्रस्ताव पास होता है तो आने वाले दिनों में वेबसीरीज देखते हुए आपको शिवराज जी सरकार की योजनाओं की जानकारी देते हुए नजर आ जाए तो हैरानी मत जताइएगा।



     



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