Bhopal.
मध्यप्रदेश राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम के अध्यक्ष मुन्नालाल गोयल ने अपने ही बीज निगम को लेकर बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा कि 6 साल में बीज निगम की वित्तीय स्थिति लगभग खत्म हो गई है। जबकि 2015—16 तक बीज निगम के पास लगभग 132 करोड़ की अंश पूंजी थी। बीज निगम के पास 42 फार्म हाउस और 54 प्रक्षेत्र केंद्र यानी फील्ड सेंटर होने के बावजूद यह हालात खड़े हो गए हैं कि निगम के पास रबी बीज का 16 करोड़ का भुगतान किए जाने तक की व्यवस्था नहीं है। मुन्नालाल गोयल ने इसके लिए अधिकारियों को दोषी बताया है। गोयल ने कहा कि बीज निगम को चूना लगाने वाले 15 भ्रष्ट अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और गबन के 22 प्रकरण दर्ज है, जो 6 साल से पेंडिंग है। इन प्रकरणों में 16 करोड़ की हानि हुई, जिनके वसूली इन भ्रष्ट अधिकारियों से होना चाहिए। निगम को घाटे से उबारने के लिए गोयल ने सीएम से मुलाकात कर 8 सुझाव भी दिए हैं।
एमडी के पास बैठक और दौरे करने का समय नहीं
मुन्नालाल गोयल ने बीज निगम की एमडी प्रीति मैथिल की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि एमडी के पास बैठक और प्रदेश में दौरे करने का समय नहीं है। प्रीति मैथिल के पास अन्य प्रभार भी है, जिसके कारण वे बीज निगम पर ध्यान नहीं दे रही। इसलिए बीज निगम को पूर्णकालिक एमडी मिलना चाहिए, ताकि निगम घाटे से उबर सके। हालांकि इस संबंध में जब प्रीति मैथिल से संपर्क करने की कोशिश की गई तो संपर्क नहीं हो सका।
32 करोड़ कृषि विभाग से ही लेने
बीज निगम का घाटे में जाने के पीछे का एक कारण यह भी है कि विभाग निगम को राशि ही नहीं दे रहा है। अकेले कृषि विभाग को 32 करोड़ बीज निगम को देने है। यह स्थिति तब है जब बीज निगम की एमडी और कृषि विभाग की डायरेक्टर दोनो ही पदों पर प्रीति मैथिल ही पदस्थ है। इसके अलावा सहकारी समितियों से 5.49 करोड़, विपणन संघ से 33.26 लाख और उद्यानिकी विभाग से 5.5 लाख रूपए बीज निगम को लेना है।