REWA. अवधेश प्रताप सिंह विवि की छात्रा रही और योग में डिप्लोमा कर चुकी श्वेता नेमा ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने अपने खाते में एक और उपलब्धि को शामिल किया है। श्वेता ने कूर्मासन में 47 मिनट स्थिर होकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। जिसके कारण उनका नाम वर्ल्ड ग्रेटेस्ट बुक (World Greatest Book) में दर्ज हुआ है।
जबलपुर की रहने वाली हैं श्वेता
श्वेता नेमा(Shweta Nema) जबलपुर (Jabalpur)की रहने वाली हैं। श्वेता ने ये वर्ल्ड रिकॉर्ड हासिल कर जबलपुर, एपीएसयू और प्रदेश का नाम भी रोशन किया है। श्वेता को ये पुरस्कार योग के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य और सक्रियता के लिए दिया गया है। श्वेता सतत निशुल्क निस्वार्थ भाव से योग की सेवाएं दे रही हैं। श्वेता विश्व कीर्तिमान रचियता हैं और सांची बौद्ध भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय के योग एवं आयुर्वेद विभाग से पीएचडी शोध छात्रा हैं।
इनसे नवाजा जा चुका है
श्वेता को जनहितकारी सामाजिक कार्यों के लिए और स्वस्थ एवं शिक्षित समाज निर्माण में सहयोग के लिए पूर्व में गेस्ट ऑफ ऑनर, सरस्वती बाई दादा साहब फाल्के इंटरनेशनल आइकॉनिक वूमन 2021 और मध्यप्रदेश भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। ज्ञात रहे कि देश में योग के क्षेत्र में आप अपनी विशिष्ट पहचान बना चुकी हैं। रिसर्च स्कॉलर श्वेता कई विषयों और रोगों पर रिसर्च कर चुकी हैं। इनके रिसर्च पेपर यूजीसी गवर्नमेंट ऑफ इंडिया की इंडेक्स सहित कई इंडेक्स में पब्लिश एवं लिस्टेड हो चुके हैं।
योग एवं आयुर्वेद के सेमिनार में भी हिस्सा ले चुकी हैं श्वेता
श्वेता राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर की 50 से ज्यादा योग एवं आयुर्वेद के सेमिनार, वेबिनार एवं वर्कशॉप में भी हिस्सा ले चुकी हैं। श्वेता पारिवारिक गतिविधियों के साथ-साथ सामाजिक सरोकार के कार्यों को भी बखूबी कर रही हैं। श्वेता के अनुसार जो महिलाएं अपनी सभी जिम्मेदारियों को निभाते हुए और जीवन की सभी बाधाओं से लड़ते हुए अपने सपनों का पीछा करती हैं। वे अपने आप को केंद्रित रखते हुए अपने लक्ष्य तक पहुंचती हैं। वे महिलाएं ही दूसरों के लिए एक आदर्श, प्रेरणा और रोल मॉडल बनती हैं। हर महिला समाज में खुद का एक विशेष स्थान बना सकती है और दूसरों के लिए आदर्श और प्रेरणा बन सकती है, जरूरत है तो बस एक दृढ़ इच्छाशक्ति और निर्णय की।