रीवा. सूचना के अधिकार यानी आरटीआई की क्या ताकत होती है, इसकी बानगी रीवा जिले के त्योंथर में देखने को मिली। यहां दो पहले साल 2020 में लोक निर्माण विभाग ने एक सड़क को मंजूरी दी थी। इस एक किलोमीटर लंबी सड़क के लिए 9 लाख 94 हजार रुपए का बजट सेंशन हुआ। लेकिन पूरे दो साल में भी इस सड़क का निर्माण कार्य नहीं हो सकता। खास बात ये है कि सड़क को बनाने की डेडलाइन दो महीने थी।
जल्द होगा सड़क का निर्माण: सड़क नहीं होने की वजह से ग्रामीण कई दिक्कतों का सामना कर रहे थे। इसलिए गांव के लोगों ने आरटीआई एक्टिविस्ट विवेक सिंह से संपर्क किया। विवेक सिंह ने आरटीआई दायर की और सड़क का निरीक्षण करवाने की मांग की गई। RTI से SDO-PWD त्योंथर ने सड़क का निरीक्षण किया। अब जल्द ही कार्य शुरू किया जाएगा। हालांकि, अब ये सड़क एक नए नियम में फंस गई है। दरअसल निरीक्षण के दौरान अधिकारियों के साथ ठेकेदार भी मौजूद था। ठेकेदार से पूछा कि सड़क क्यों नहीं बनी तो ठेकेदार ने कहा कि गांव के लोगों ने अतिक्रमण किया था। अब सड़क की डेडलाइन खत्म हो चुकी है तो ठेकेदार को नए सिरे से आवेदन करना पड़ेगा।
रोड आप और हमारे टैक्स के पैसे ही सरकार बनाती है। अगर आप लोग अपने आस-पास टूटी रोड का हिसाब किताब RTI दायर कर लेना शुरु कर दे बदलाव जरुर होगा। बदलाव की बयार???? https://t.co/QqkFIaZni1
— Rahul Singh ???????? (@rahulreports) February 27, 2022
बदलाव की उम्मीद: आरटीआई एक्टिविस्ट विवेक सिंह ने लिखा कि आज RTI से SDO-PWD त्योंथर के साथ सड़क का निरीक्षण किया। जिसमें पता चला की सड़क 2020 में स्वीकृत हुई है जिसका कार्य पूर्ण करने का 2 महीने समय था लेकिन अभी तक कार्य नहीं किया गया। अब जल्द ही कार्य प्रारंभ किया जाएगा। यह है RTI का पावर। इसके जवाब में सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने कहा कि रोड आपके और हमारे टैक्स के पैसे ही सरकार बनाती है। अगर आप लोग अपने आस-पास टूटी रोड का हिसाब किताब RTI दायर कर लेना शुरु कर दे तो बदलाव की बयार जरूर आएगी।