रतलाम. मध्य प्रदेश सरकार ने गुंडों, सूदखोरों पर सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। 22 मार्च को रतलाम में अपहरण के आरोपी का घर गिरा दिया गया। बीते 6 महीने में गुंडो-सूदखोरों पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 6 अवैध निर्माण गिरा दिए। जानिए, प्रशासन ने किन पर और कब की कार्रवाई...
11 अक्टूबर 2021: रतलाम में जावरा फोरलेन के किनारे बने 15 करोड़ के कॉम्प्लेक्स को प्रशासन ने 10 घंटे में ध्वस्त कर दिया था। जनता कॉम्प्लेक्स की 106 दुकानों के ध्वस्त होते ही साथ लाला-पठान का वर्चस्व भी खत्म हो गया था। तब एसडीएम हिमांशु प्रजापति, एसपी सुनील पाटीदार की अगुआई में 40 पटवारी, 200 पुलिसकर्मी समेत अन्य अमला कार्रवाई में शामिल था।
9 नवंबर 2021: बिना सर्वे नंबर वाले फर्जी पट्टे पर सेजावता स्कूल की जमीन पर बने दो मंजिला मकान को ढहा दिया गया था। सोहन सिंह डाबी ने स्कूल पर कब्जा करके घर बना लिया था। 1999 में पूर्व सरपंच रेशमबाई ने पट्टा जारी किया था। इस पर सर्वे नंबर नहीं, चतुर्सीमा लिखी है। फर्जी पट्टा जारी करने के मामले में रेशमबाई जेल जा चुकी है।
23 जनवरी 2022: पुलिस-प्रशासन की टीम ने प्रतापनगर रोड ब्रिज के करीब असगर उर्फ अज्जू शेरानी के 15 हजार वर्गफीट पर निर्माणाधीन तीन मंजिला मकान को ढहा दिया। हिस्ट्रीशीटर अज्जू पर कई मामले दर्ज हैं।
26 जनवरी 2022: पुलिस, प्रशासन और अमले ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए सूदखोर दीपू टांक का दीनदयाल स्थित मकान गिराया। कार्रवाई के कुछ देर बाद दीपू के वकील स्टे ऑर्डर के साथ पहुंचे और कार्रवाई रोकने को कहा। अफसरों ने इस बारे में वकील से सलाह-मश्विरा लिया, इसके बाद कार्रवाई फिर शुरू कर दी गई।
28 जनवरी 2022: पुलिस प्रशासन की टीम हिस्ट्रीशीटर सड्डू लाला के मकान पर कार्रवाई करने पहुंची। मोहन नगर क्षेत्र में सूदखोर सड्डू लाला के अवैध निर्माण को पोकलेन मशीन से जमींदोज किया गया। कार्रवाई से पहले प्रशासन ने मकान के आसपास बैरिकेडिंग कर कार्रवाई को अंजाम दिया। मोहन नगर निवासी सड्डू लाला पर शहर के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में सूदखोरी, धमकाने और मारपीट के मामले दर्ज हैं। बीते दिनों रतलाम पुलिस द्वारा चलाए गए सूदखोरों के खिलाफ अभियान में भी सड्डू लाला के चंगुल में फंसे कई लोग सामने आए थे।
22 मार्च 2022: रतलाम (Ratlam) में अपहरण के आरोपी फिरोज जहीउद्दीन का मकान ढहाया। कर्ज का ब्याज ना चुकाने पर आरोपी जहीउद्दीन ने करण सिंह का अपहरण कर लिया। फिरोज ने करण सिंह के परिजन से ब्याज सहित ढाई लाख रुपए देने पर ही करण को छोड़ने की शर्त रखी। करण के भाई अर्जुन ने थाने में शिकायत दर्ज कराई। मामले की गंभीरता देखते हुए कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के निर्देश पर एसपी अभिषेक तिवारी ने खुद मोर्चा संभाला। पुलिस की टीम ने फिरोज के ठिकानों पर छापामारी कर करण को मुक्त कराया। इसके बाद प्रशासन ने आरोपियों के अवैध अतिक्रमण पर जेसीबी चलाकर कई मकानों को ध्वस्त किया।