Jabalpur. जबलपुर के निजी अस्पतालों में मरीजों की सुरक्षा को सर्वोपरी रखा जाएगा। इस मामले में अब और कोताही नहीं बरती जाएगी। निजी अस्पतालों के निरीक्षण में जो भी कमियां पाई गई हैं उन्हें दूर कर लिया जाए यही बेहतर होगा, वरना उन अस्पतालों का पंजीयन निरस्त कर दूंगा। यह सख्त हिदायत कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी ने अस्पताल संचालकों की बैठक में दी। बैठक में कलेक्टर ने इतने भीषण अग्निकांड के बाद भी निजी अस्पतालों द्वारा बरती जा रही ढिलाई पर नाराजगी जताई और कहा कि निजी अस्पतालों को मरीजों की सुरक्षा को सर्वोपरी रखना ही होगा। बैठक में सीएमएचओ डॉ संजय मिश्रा समेत स्वास्थ्य और प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे।
आयुष्मान योजना को गंभीरता से लिया जाए
जिला कलेक्टर ने बैठक में आयुष्मान घोटाले को लेकर भी साफ कर दिया कि सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल पर हो रही कार्रवाई को नजरअंदाज न करें। उन्होंने कहा कि आयुष्मान योजना के प्रति निजी अस्पतालों को गंभीर होना पड़ेगा। उन्होंने साफ किया कि इसका मतलब यह नहीं है कि अस्पताल आयुष्मान कार्डधारियों को भर्ती करने से मना कर दें। उन्होंने कहा कि प्रशासन की मंशा किसी को बेवजह परेशान करना नहीं बल्कि प्रशासन चाहता है कि दोबारा कोई हादसा न हो पाए।
59 अस्पतालों को दिया गया है नोटिस
कलेक्टर ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की टीम द्वारा निजी अस्पतालों के निरीक्षण में पाई गई कमियों से अस्पताल संचालकों को अवगत करा दिया गया है। बता दें कि नगर निगम की भवन शाखा ने 81 अस्पतालों का निरीक्षण किया था। ज्यादातर अस्पताल निर्धारित मापदंड को पूरा नहीं कर रहे थे। अधिकांश में तो पार्किंग व्यवस्था ही नहीं थी। जिसके चलते 59 अस्पतालों को नोटिस थमाए जा चुके हैं। वहीं बैठक में टेंपरेरी फायर एनओसी के लिए संलग्न किए जाने वाले दस्तावेजों की जानकारी दी गई। बताया गया कि अभी तक प्राप्त आवेदनों इलेक्ट्रिकल सेफ्टी ऑडिट की रिपोर्ट नहीं होने के कारण वापस किया गया है। ऑडिट कराने और उसकी रिपोर्ट संलग्न करने के बाद ही टेंपरेरी फायर एनओसी के लिए नए सिरे से आवेदन करना होगा।