सूचना आयोग के 38 समन का रीवा जनपद CEO ने नहीं दिया जवाब, गिरफ्तारी का आदेश निकला

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सूचना आयोग के 38 समन का रीवा जनपद CEO ने नहीं दिया जवाब, गिरफ्तारी का आदेश निकला

द सूत्र, भोपाल. अधिकारियों का काम है कानून का पालन करना। यदि अधिकारी नियम-कायदों को ताक पर रखने लगें तो फिर आम आदमी किससे उम्मीद करे। ताजा मामला रीवा का है, जहां जनपद पंचायत रीवा और जनपद पंचायत रायपुर करचुलिया (अतिरिक्त प्रभार) की सीईओ सुरभि दुबे सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी नहीं दे रही हैं। राज्य सूचना आयोग ने 38 समन जारी किए लेकिन उन्होंने इनका कोई जवाब नहीं दिया। इस मामले में आयोग ने जिला सीईओ को सुरभि दुबे के खिलाफ कार्रवाई करने को लिखा। राज्य सूचना आयोग के आदेश के बाद भी जिला सीईओ ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। अब आयोग की ओर से डीआईजी रीवा को पत्र लिखकर जनपद सीईओ को गिरफ्तार कर आयोग में पेश करने को कहा गया है। आयोग ने पत्र में सुरभि दुबे को 21 अप्रैल 2022 तक अयोग के सामने उपस्थित होने के लिए कहा गया है। इसके लिए 5 हजार रुपए के मुचलके पर उनको जमानत दी जा सकती है। पत्र में यह भी लिखा है कि यदि आदेश का पालन नहीं किया गया तो डीजीआई को इसका उचित कारण बताना होगा। 



क्या है मामला: रीवा जिले के 4 आवेदकों ने 6 आवेदन के जरिए पंचायतों में निर्माण संबंधी जानकारी मांगी थी, जो जनपद सीईओ सुरभि दुबे ने नहीं दी। अपील के बाद मामला राज्य सूचना आयोग पहुंचा। जहां राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने आवेदक रमाकांत त्रिपाठी और पंकज मिश्रा के दो-दो प्रकरण और ज्ञानेंद्र गौतम-गोपिका प्रसाद तिवारी के एक-एक प्रकरण की सुनवाई करते हुए जनपद सीईओ सुरभि दुबे को दिंसबर 2021 से मार्च 2022 तक अलग-अलग प्रकरणों में 38 समन भेजे, पर सुरभि दुबे ने एक का भी जवाब नहीं दिया। 



सवा लाख का जुर्माना लगाया: लगातार समन भेजने के बाद भी कोई जवाब नहीं देने पर आयोग ने सभी 6 प्रकरणों में सुनवाई करते हुए सीईओ सुरभि दुबे पर सवा लाख का जुर्माना भी लगाया है। हालांकि जुर्माने के नोटिस पर भी सुरभि दुबे की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।

 

ऐसा दुस्साहस- आयोग के कामकाज पर आपत्तिजनक टिप्पणियां तक की: सुरभि दुबे ने केवल नोटिस का जवाब ही नहीं दिया बल्कि फोन पर भी आयोग के कामकाज पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की। साथ ही व्हाट्सएप के माध्यम से राज्य सूचना आयोग को सूचित किया था कि मैं किसी भी चीज के लिए जिम्मेदार नहीं हूं इसलिए आयोग के सामने पेश होने का कोई सवाल ही नहीं है। 



सुरभि दुबे को किसका संरक्षण: राज्य सूचना आयोग ने पंचायत विभाग के विकास आयुक्त को आदेश दिया था कि जनपद पंचायत रीवा एवं जनपद पंचायत रायपुर करचुलिया में सुरभि दुबे के स्थान पर नया लोक सूचना अधिकारी नियुक्त किया जाए। आयोग ने प्रमुख सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग को भी सुरभि दुबे के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने के लिए कहा था। जिसके बाद जीएडी ने पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग सचिवालय, भोपाल को आयोग के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कहा था। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, सचिवालय, भोपाल ने पत्र के माध्यम से स्वप्निल वानखड़े, सीईओ जिला पंचायत रीवा, को एसआईसी के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कहा। पर स्वप्निल वानखेड़े ने कार्रवाई नहीं की, जो आयोग के आदेशों की घोर अवहेलना को दर्शाता है। सूचना का अधिकार (शुल्क और अपील) नियम, 2005 और सिविल सेवा आचरण नियमों का भी उल्लंघन है।



अब जिला सीईओ को उपस्थित होने के आदेश: सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने मामले में आरटीआई अधिनियम की धारा 18 के तहत अब स्वप्निल वानखड़े, सीईओ, जिला पंचायत रीवा को 21 अप्रैल 2022 को आयोग के सामने सभी दस्तावेज पेश करने के लिए व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने के आदेश दिए हैं। साथ ही सुरभि दुबे की जगह एक नया लोक सूचना अधिकारी नियुक्त करने और सुरभि दुबे के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने के लिए भी आदेशित किया है। साथ ही वानखेड़े से भी पूछा कि आयोग के आदेश का पालन नहीं करने के लिए आपके खिलाफ भी पंचायत कमिश्नर को अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए क्यों न लिखा जाए।

 


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