रीवा. यहां के दिवाकर द्विवेदी ने युवाओं के जीवन को बेहतर करने के लिए कई प्रयास किए। 2018 में रिटायर्ड होने के बाद वो अपने गांव आ गए थे, देखा कि युवा नशे (Drug)के आदि हो चुके है। उनकी स्थिति सुधारने के लिए और देश के प्रति जज्बा जगाने के लिए ट्रेनिंग (Training) देनी शुरू की। उनकी इस कोशिश की वजह से 20 युवाओं का सिलेक्शन आर्मी में हो पाया।
16 साल तक आर्मी में रहे
दिवाकर द्विवेदी ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद मार्च 2002 में आर्मी में भर्ती होकर देश सेवा में चले गए थे। 16 साल तक आर्मी में ड्यूटी के दौरान कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हर राज्य में अपनी सेवाएं दीं। सितंबर 2018 में रिटायर होने के बाद दिवाकर गांव वापस आ गए। कुछ दिनों बाद रीवा जिले के युवाओं को सेना में भर्ती कराने की जिम्मेदारी उठा ली।
दिवाकर के जोश की वजह से 20 युवाओं की ट्रेनिंग हुई
दिवाकर द्विवेदी का मानना है कि ग्रामीण युवाओं में देश के प्रति जज्बा पैदा करने के लिए समय-समय पर गांव में तिरंगा यात्रा निकालते हैं। वहीं, सेना में भर्ती होने वाले 20 युवा अब ट्रेनिंग पूरी कर गांव लौटते हैं। जब ये युवा गांव की सीमा में पहुंचते हैं, तब स्वागत में डीजे के साथ तिरंगा यात्रा निकाली जाती है। बीणा गांव के अमर वर्मा जब ट्रेनिंग पूरी कर लौटे, तो सफलता का पूरा श्रेय पूर्व सैनिक दिवाकर द्विवेदी को दिया। अमर वर्मा ने कहा कि दिवाकर सर ने जो जोश भरा और तैयारी कराई, उसकी बदौलत ही यह संभव हो पाया।
उनका लक्ष्य 500 युवाओं का हैं
विभिन्न गांवों में चल रहे ट्रेनिंग कैंपों में वर्तमान में 500 युवा दिवाकर से ट्रेनिंग ले रहे हैं। अब दिवाकर का लक्ष्य है कि अगली भर्ती में कम से कम 100 युवा सेना में जाएं। सेवानिवृत्त होने के कुछ ही महीनों के प्रयास में युवाओं की तैयारी कराकर सेना भर्ती में शामिल कराने के जो परिणाम सामने आए, उससे और ज्यादा उत्साह लोगों में फैला है। 20 युवाओं का चयन होने से खुद ही लोग संपर्क करने लगे हैं। दिवाकर इन युवाओं को फिटनेस के लिए अभ्यास कराते हैं।