कवि, सीहोर। यहां रुद्राक्ष महोत्सव (Rudraksh Mahotsav) का आयोजन किया जा रहा था। 7 दिन की इस कथा में 15 लाख श्रद्धालुओं के शामिल होने का अनुमान था। लेकिन पहले ही दिन यहां 3 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंच गए। इससे व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। इंदौर-भोपाल स्टेट हाईवे पर करीब 6 घंटे तक जाम रहा। कथा सुनने आए श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण हाईवे पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया। इस वजह से अंतरराष्ट्रीय भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा ने भावुक होकर कथा स्थगित की। उन्होंने भावुक होकर कहा कि मुझे क्षमा करे, देश के कोने-कोन से आए श्रद्धालुओं के लिए मैं व्यवस्था नहीं कर पाया। अब कथा का आयोजन ऑनलाइन ही होगा।
11 लाख रुद्राक्ष बांटे जाने थे: 28 फरवरी से 6 मार्च तक कथा का आयोजन किया जाना था। जिसमें सात दिन में करीब 15 लाख लोगों के आने की संभावना जताई गई थी। आयोजन के दौरान 11 लाख रुद्राक्ष भी बांटे जाने थे। कथा स्थल पर 20 हजार लोगों के रुकने की व्यवस्था की गई। पांडाल में 50 हजार लोगों के बैठने की जगह थी। पार्किंग की व्यवस्था 80 एकड़ जमीन में थी। लेकिन एक साथ भारी संख्या में श्रृद्धालुओं के पहुंचने के कारण जाम लगना शुरू हुआ। खेतों में फसलें खड़ी हुई थी। लिहाजा गाड़ियां पार्क करने की जगह नहीं मिली। इससे पूरी व्यवस्था खराब हो गई। इधर, स्टेट हाईवे जाम होने के बाद कलेक्टर और एसपी ने मोर्चा संभाला। उन्होंने कथावाचक से बात की। जिसके बाद उन्होंने मंच से कथा को स्थगित कर दिया।
रुद्राक्ष महोत्सव में लाखों श्रद्धालु एक साथ पहुंच गए थे। भीड़ की वजह से कथा स्थगित करनी पड़ी। कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने रोते हुए कहा- क्षमा चाहता हूं...आपके लिए व्यवस्था नहीं कर पाया। #sehore pic.twitter.com/beKID4IFLZ
— Aashish Vishwakarma (@aashish9522) February 28, 2022
रुहासे मन से मांगी क्षमा: कथा एक से चार बजे तक होना थी, उसे साढ़े 11 बजे शुरू कर 2 बजे समापन कर दिया गया। भागवत कथा वाचक भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा ने श्रद्धालुओं से रुहासे मन से क्षमा मांगी। उन्होंने कहा कि जो जहां से आए हैं, वह अपने घर धीरे-धीरे रवाना हो जाएं। कथा पहले की तरह ऑनलाइन सुने, रुद्राक्ष के लिए मेरे नंबर पर अपनी जानकारी भेज सकते है, जहां रुद्राक्ष पहुंचा दिए जाएंगे। सीहोर कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर ने बताया कि स्थल पर इतनी बड़ी भीड़ आएगी। इस बात की सूचना प्रशासन को नहीं दी गई थी।