Bhopal. संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति राजधानी भोपाल में कल (8 मई) को रोजगार संसद का आयोजन करने जा रहा है। इस संसद में बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर राष्ट्रीय रोजगार नीति बनवाने और आगामी आंदोलन को लेकर के चर्चा होगी। इस आंदोलन में 200 से ज्यादा संगठनों के लगभग हजारों प्रतिनिधी जुड़ेंगे।
कोरोना में बढ़ी बेरोजगारों की संख्या
बेरोजगारी की समस्या के लिए भारत में राष्ट्रीय रोजगार नीति बनना थी, लेकिन सरकार ने इसे अभी तक नहीं बनाई। और आलम ये है कि पिछले 70 सालों से देश अभी भी राष्ट्रीय रोजगार नीति से अछूता है। इस दौरान कोरोना के चलते देश की अर्थव्यवस्था की हालत भी चिंताजनक बनी हुई है। बंद के चलते उद्योग, रोजगार बंद हुए और करोड़ो लोग आर्थिक बर्बादी की चपेट में आ गए, जिससे बेरोजगारी और बढ़ गई।
सरकार पर दबाव बनाने के बनाएंगे रूपरेखा
संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति के सेंट्रल कोऑर्डिनेटर वैभव यादव ने बताया कि इस संसद में अगस्त में होने वाले आंदोलन की रूपरेखा दिल्ली के शाह ऑडिटोरियम में ही बन चुकी है। अब इस पर अमल करने का समय आ गया है। इस कार्यक्रम के माध्यम से विभिन्न प्रदेशों और केंद्र की सरकारों को एक व्यापक प्रभाव वाली राष्ट्रीय रोजगार नीति बनवाने के लिए मजबूर करेंगे। इससे देश के बेरोजगार युवाओं को व्यापक स्तर पर लाभ मिलने वाला है।