इंदौर. परदेशीपुरा इलाके के एक धर्मशाला में एक जैन मुनि ने सुसाइड कर लिया। घटना की जानकारी मिलती है पुलिस मौके पर पहुंची, साथ ही जैन समाज के कई भक्त भी मौके पर पहुंचे। जैन मुनि का नाम आचार्य श्री 108 विमद सागर था। अभी तक यही पता चल पाया कि वो चार्तुमास के सिलसिले में यहां आए थे।
शव पंखे से लटका हुआ मिला
अभी तक यह नहीं पता चल पाया कि जैन मुनि ने किस वजह से सुसाइड किया। जैन मुनि का शव धर्मशाला के रूम के अंदर पंखे से लटका हुआ मिला। लोगों ने उनका शव पंखे से उतारा। पुलिस फिलहाल मामले की जांच में जुटी है। 45 वर्षी जैन मुनि सागर के रहने वाले थे। चार्तुमास के लिए जैन मुनि 3 दिन पहले पहुंचे थे।
1992 में ली थी ब्रह्मचर्य
आर्चाय श्री 108 विमद सागर जी महाराज का नाम गृहस्थावस्था के दौरान संजय कुमार जैन था। पिता इंसपेक्टर के पद से रिटायर्ड हुए थे। वहीं, मां गृहिणी है। उन्होंने 8 अक्टूबर 1992 में आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत लिया था।
महाराज का जन्म का 1976 में हुआ था। उन्होंने स्कूल में 7वीं तक की पढ़ाई की थी। बचपन से ही उन्हें संन्यास प्यार था। इसके लिए उन्होंने पिच्छी -कमंडल भी बना लिया था। बचपन में बच्चे उन्हें महाराज कहकर चिढ़ाते थे। 16 साल की उम्र ने ब्रह्मचर्य लिया था।