ये कैसी जीरो टॉलरेंस: निवेशकों से ठगे 903 करोड़, फिर भी पुलिस की पहुंच से दूर सहारा

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ये कैसी जीरो टॉलरेंस: निवेशकों से ठगे 903 करोड़, फिर भी पुलिस की पहुंच से दूर सहारा

भोपाल. जमा राशि पर ज्यादा ब्याज या पैसे डबल करने का लालच देकर छोटे निवेशकों की मेहनत की कमाई हड़पने वाले चिटफंड माफिया (chit fund mafia) के खिलाफ जीरो टॉलेरेंस (zero tolerance) के दावे की हवा निकलती नजर आ रही है। 2020 में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिराकर दोबारा सत्ता में आई BJP सरकार के मुखिया शिवराजसिंह चौहान (CM Shivraj) ने पुलिस को जनता से ठगी करने वाले सभी चिटफंड कारोबारियों के खिलाफ मुहिम चलाकर कार्रवाई करने और लोगों को उनका पैसा वापस दिलाने का ऐलान किया था। लेकिन हकीकत यह है कि प्रदेश में आम निवेशकों के करोड़ों रुपए हड़पने वाली सहारा इंडिया (Sahara India Fraud) समेत अन्य चिटफंड कंपनियों के खिलाफ 11 हजार 189 शिकायतें सामने आने के बाद सिर्फ 64 मामलों में ही FIR दर्ज की गई हैं।

903 करोड़ की ठगी, वापस सिर्फ 39 करोड़

पुलिस पीड़ितों से ठगे गए करीब 903 करोड़ रुपए में से अब तक सिर्फ 39 करोड़ रुपए ही वापस दिला पाई है। आम निवेशकों की सबसे ज्यादा राशि सहारा इंडिया में फंसी है।  इसके मुखिया सुब्रत राय सहारा (Subrata Roy Sahara) के खिलाफ कई FIR दर्ज होने के बाद भी पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पा रही है। इस बारे में हाल ही में विधानसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में खुद प्रदेश गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narrottam Mishra on chit fund) ने स्वीकार किया है कि आरोपी सुब्रत राय की गिरफ्तारी के लिए पुलिस सहारा इंडिया के मुख्य कार्यालय लखनऊ में तलाशी (Subrata roy sahara searching) कर चुकी है, लेकिन वो पुलिस को नहीं मिला। उनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा 24 दिसंबर को ये जानकारी रतलाम जिले के आलोट से कांग्रेस विधायक मनोज चावला (Manoj chawla) के सवाल के जवाब में पेश की।

11 हजार से ज्यादा लोगों की शिकायतें

प्रदेश में हजारों निवेशकों को तरह-तरह का झांसा और लालच देकर उनके खून-पसीने की कमाई हड़पने वाली सहारा इंडिया और इस जैसी कई चिटफंड कंपनियों (chit fund companies fraud) की ठगी के शिकार कार्रवाई के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं। जनता से धोखाधड़ी करने वाली चिटफंड कंपनियों के खिलाफ सरकार के मुखिया के दावों पर भरोसा कर कार्रवाई के लिए थाने पहुंचे ज्यादातर पीड़ितों के आवेदन और सबूतों के आधार पर कानूनी FIR करने के बजाय पुलिस ने सिर्फ शिकायत ही दर्ज की है। जिन थोड़े-बहुत मामलों में FIR दर्ज की गई है, उनमें भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो रही है। ऐसी तमाम कंपनियों के खिलाफ पूरे प्रदेश में 11 हजार, 189 लोगों ने अपनी शिकायतें दर्ज कराई है। इन पर पुलिस ने सहारा इंडिया समेत अन्य चिटफंड कंपनियों के खिलाफ करीब 11,125 शिकायतें दर्ज की हैं। वहीं, 64 ऐसी शिकायतें है जिन पर पुलिस ने सीधे चिटफंड कंपनियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है।

नरोत्तम मिश्रा ने विधानसभा में ये जानकारी दी

बता दें कि हाल ही में 24 दिसंबर को विधानसभा में आलोट से कांग्रेस विधायक मनोज चावला ने आलोट थाने में सहारा के सुब्रत राय और 7 अन्य चिटफंट कंपनियों के खिलाफ नामजद FIR (Fir on sahara India) और कार्रवाई के बारे में सवाल पूछा था। इसके जवाब में गृहमंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने लिखित जवाब में बताया कि सहारा इंडिया समेत अन्य चिटफंड कंपनियों ने प्रदेश के लोगों के साथ करीब 903.50 करोड़ रुपए की घोखाधड़ी की है। वहीं, ऐसे कई मामलों में दर्ज FIR पर कार्रवाई करते हुए चिटफंड कंपनियों से लोगों के करीब 39.90 करोड़ रुपए वापस दिलाए गए हैं। कई निवेशकों के 863.74 करोड़ रुपए अभी भी कंपनियों के पास है, जो अभी तक वापस नहीं मिल पाए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश भर में चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर जिला स्तर पर सभी SP को निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत जिला स्तर पर कैंप लगाकर भी पीड़ित लोगों की शिकायतें सुनी जा रही है।

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