Jabalpur. जबलपुर के राइट टाउन इलाके में स्थित सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल द्वारा किए गए आयुष्मान योजना के फर्जीवाड़े में एसआईटी परत दर परत फर्जीवाड़ा ढूंढ रही है। आयुष्मान योजना के प्रभारी अधिकारी लगातार जांच में असहयोग कर रहे हैं तो अब एसआईटी ने योजना से जुड़े दस्तावेज मुहैया कराने सीएमएचओ को पत्र लिखा है। जानकारी के मुताबिक अस्पताल से मिले डाटा की पड़ताल करने पर यह पाया गया है कि ऐसे कई मरीजों का इलाज अस्पताल में किया गया जो एक ही परिवार से ताल्लुक रखते थे। एसआईटी की टीम ने ऐसे तकरीबन 150 मरीजों को चिन्हित भी किया है।
नोटिस जारी कर तलब की इलाज की फाइल
अब एसआईटी चिन्हित किए गए मरीजों को नोटिस भेजकर उन्हें इलाज की फाइल के साथ हाजिर होने के निर्देश दे चुकी है। ताकि यह पता लग सके कि इन मरीजों को आखिर क्या बीमारी हुई थी और उनका क्या इलाज किया गया था। दूसरी तरफ जांच से लगातार बच रहे आयुष्मान योजना के प्रभारी डॉ धीरज दवंडे और भुवन साहू से भी बात करने की कोशिश की गई। लेकिन दोनों ने फोन नहीं उठाया है।
पंजीयन रद्द होने की कार्रवाई वाले अस्पतालों पर भी नजर
दूसरी तरफ जबलपुर अग्निकांड मामले में स्वास्थ्य विभाग उन अस्पतालों पर नजर रख रहा है जिनका पंजीयन विभाग ने फायर एनओसी न होने के चलते रद्द कर दिया था। बता दें कि विभाग ने 28 अस्पतालों और निजी नर्सिंग होम पर यह कार्रवाई की थी। सीएमएचओ डॉ संजय मिश्रा की मानें तो स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सिलसिलेवार ढंग से ऐसे अस्पतालों का निरीक्षण भी किया। ताकि यह देखा जा सके कि कहीं पंजीयन रद्द होने की कार्रवाई के बावजूद भी ये अस्पताल मरीजों को भर्ती तो नहीं कर रहे हैं। इस संबंध में जांच दल को अस्पताल की गतिविधियों की पूरी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।