सागर. पूर्व वित्तमंत्री राघव जी सीडी कांड से चर्चा में आए वन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष शिवशंकर पटैरिया ने देर रात मंडी बामोरा में जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की। उन्होंने इस प्रयास की सूचना अपने परिजन को मैसेज पर दी। जिसके बाद उनका बेटा मंडीबामौरा में पहुंचा। यहां से उन्हें इलाज के लिए बीना ले जाया गया। जहां से प्राथमिक उपचार उपरांत सागर रेफर कर दिया गया है। सागर में उनका इलाज जारी है। वहीं, सोशल मीडिया पर शिवशंकर पटैरिया का एक सुसाइड नोट भी वायरल हो रहा है। जिसमें सरकार के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं।
बगीचा में बेहोश मिले: शिवशंकर पटैरिया (61) वन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं। पटैरिया ने रात में करीब 2 बजे मंडीबामोरा में जहरीला पदार्थ खाकर जान देने की कोशिश की। इसके पहले उन्होंने अपने परिजन को इंटरनेट मीडिया पर मैसेज किया। जिसके बाद उनका बेटा सौरभ अपने छोटे भाई के साथ उन्हें तलाशने निकला। वह बिहारी मंदिर के पीछे बगीचा में बेहोशी की हालत में मिले। तत्काल उन्हें रिफाइनरी अस्पताल लाया गया, जहां उपचार नहीं मिलने पर बीना सिविल अस्पताल भर्ती किया गया। यहां उन्हें प्राथमिक उपचार देकर सागर रेफर कर दिया गया। रात में ही परिजन शिवशंकर पटैरिया को सागर ले गए। एक प्राइवेट अस्पताल में उनका इलाज जारी है। मंडीबामोरा चौकी प्रभारी रामावतार धाकड़ ने बताया कि परिजन से बात हो गई है, उनकी हालत स्थिर है। स्वस्थ होने के बाद बयान लिया जाएगा।
पटैरिया का वायरल सुसाइड नोट: पटैरिया ने नोट में आत्महत्या के लिए अजयगढ़ पन्ना के हनुमान प्रसाद द्विवेदी को जिम्मेदार ठहराया है। उसके बारे में पटेरिया ने लिखा है कि वह 16 साल से उनके साथ था और सबकुछ ठग कर ले गया। पटैरिया ने हत्या के मामले में सरकार को भी घेरा है। सुसाइड नोट में लिखा है कि उसके खिलाफ सरकार ने एकतरफा 307 का केस लगाया है। शासन में बैठे लोग मुझे सजा दिलाने के लिए प्रत्यक्ष रूप से सक्रिय हैं। सरकार से नहीं लड़ सकता और इतना ताकतवर नहीं हूं। पटैरिया के कथित सुसाइड नोट में उन्होंने एक साल से अपनी परेशानी बताई है और कहा कि अब जिया नहीं जाता। हर निर्णय उलटा हो रहा है। हालांकि, द सूत्र इस सुसाइड नोट की पुष्टि नहीं करता है।
लंबे समय से तनाव में थे शिवशंकर पटैरिया: पटैरिया के छोटे भाई कृष्णा पटैरिया ने बताया कि वह लंबे समय से तनाव में थे। नवंबर 2020 में उनके उपर 307 का प्रकरण दर्ज हुआ था। उसके बाद लंबे समय तक वह जेल में रहे थे। जेल से बाहर आने के बाद से ही वह तनाव में थे। बीते एक साल में उनके दो मकान भी बिक गए और वह भोपाल छोड़कर मंडीबामोरा में किराए के मकान में रहने लगे थे। रात में उन्होंने मैसेज किया था, जिसमें आज की रात को आखिरी बताया था। इसके बाद सभी चिंतित हुए और उन्हें तलाश की।
उमा भारती के नजदीकी रहे हैं पटैरिया: शिवशंकर पटैरिया पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के बेहद नजदीकी माने जाते थे। उमा जब मुख्यमंत्री थी, तब पटैरिया वन विकास निगम के अध्यक्ष रहे हैं। पूर्व वित्त मंत्री राघवजी सीडी कांड से वह चर्चा में आए। पटैरिया सीएम शिवराज के खिलाफ बुदनी से विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं।