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भोपाल. ढोल मंजीरा बजाते, भजन गाते, तो कभी मानव श्रृंखला बनाकर प्रर्दशन कर रहे ये सैकड़ों स्टूडेंट राजधानी भोपाल के हैं। पिछले 8 दिनों से अपनी मांगों को लेकर स्टूडेंट सड़क पर पंडाल लगाकर डटे हुए हैं। इस प्रदेश स्तरीय प्रदर्शन में होम्योपैथी ,आयुर्वेदिक और यूनानी संस्थानों के छात्र शामिल हैं। अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे इन छात्र-छात्राओं में राज्य के 6 सरकारी कॉलेज के ढाई हजार छात्र शामिल है। एक हफ्ते से हड़ताल कर रहे इन छात्रों ने प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। राजधानी भोपाल के खुशीलाल आयुर्वेद कॉलेज में इनका प्रदर्शन जारी है। अपनी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर छात्र अनोखे ढंग से प्रर्दशन कर रहे हैं।
पांच सूत्रीय मांगों को लेकर डटे हैं छात्र: अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर छात्र ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है। इन मांगों में पहली मांग आर्युर्वेद, इंटर्न, गृह चिकित्सक और पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों की स्टाइपेंड एलोपैथी के इंटर्न, जूनियर रेसिडेंट एवं पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट के बराबर कर C.PI. से लिंक करने की है। दूसरी मांग जबलपुर की आयुर्विज्ञान यूनिवर्सिटी की आयुष शाखा को भोपाल में शिफ्ट करने की है। तीसरी मांग लोक सेवा आयोग की तरफ से हर साल आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी की भर्ती निकालने की है। इसके साथ इस साल आयोजित होने वाली परीक्षा से संविदाकर्मियों को 15 प्रतिशत अंक दिए जाने वाले नियम को हटाने की मांग स्टूडेंट ने की है। चौथी मांग सरकार के 2013 के जनसंकल्प में घोषित 1000 आयुष अस्पतालों को खोलने की है। स्टूडेंटों की आखिरी मांग आयुर्वेद छात्रों को सशर्त आत्यायिक चिकित्सा के अधिकार दिए जाने की है।
सरकार ने बनाई छात्रों से दूरी: पिछले कई दिनों से चल रही इस हड़ताल से सरकार ने दूरी बना ली है। अब तक इन छात्रों की मांगे सुनने के लिए कोई भी जनप्रतिनिधी नहीं पहुंचा है। दूसरी तरफ इन छात्र-छात्राओं ने भी सरकार पर उदासीनता के आरोप लगाए हैं। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा है कि सरकार हमारी मांगों पर अपनी आंखे बंद करके बैठी है। उन्होंने कहा है कि हमारी मांगों पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी हड़ताल जारी रहेगी।