MP में लोकल बॉडी चुनाव का नोटिफिकेशन 2 हफ्ते में दें, OBC आरक्षण भी नहीं मिलेगा

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Atul Tiwari
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MP में लोकल बॉडी चुनाव का नोटिफिकेशन 2 हफ्ते में दें, OBC आरक्षण भी नहीं मिलेगा

New Delhi/Bhopal. सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर असमंजस की स्थिति दूर कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को दिए अंतरिम आदेश में कहा कि चुनाव आयोग 2 हफ्ते में लोकल बॉडी इलेक्शन का नोटिफिकेशन जारी करे। शीर्ष कोर्ट ने ये भी कहा कि ओबीसी यानी पिछड़ा वर्ग प्रत्याशी, सामान्य वर्ग (जनरल) की सीटों से चुनाव लड़ेंगे। जो पार्टियां ओबीसी को आरक्षण देना चाहती हैं, वे सामान्य सीट पर ओबीसी कैंडिडेट को स्थानीय निकाय चुनाव में खड़ा कर सकती हैं।




— ANI (@ANI) May 10, 2022



शिवराज बोले- रिव्यू पिटीशन दायर करेंगे



मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को विस्तार से नहीं पढ़ा है। हम चाहते हैं कि स्थानीय निकाय चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ हों, इसके लिए रिव्यू पिटीशन दायर करेंगे।




— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) May 10, 2022



मसला ये था



OBC आरक्षण के मामले में प्रदेश की भाजपा सरकार की रिपोर्ट को कोर्ट ने अधूरा माना। अधूरी रिपोर्ट होने के कारण मध्यप्रदेश में OBC वर्ग को चुनाव में आरक्षण नहीं मिलेगा। इसलिए अब स्थानीय चुनाव 36% आरक्षण के साथ ही होंगे। इसमें 20% STऔर 16% SC का आरक्षण रहेगा। शिवराज सरकार ने पंचायत चुनाव 27% OBC आरक्षण के साथ कराने की बात कही थी। इसलिए यह चुनाव अटके हुए थे।



शिवराज सरकार को झटका



राज्य सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश की थी। इसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था और मंगलवार को अपना फैसला सुनाया। आयोग ने OBC को 35% आरक्षण देने की सिफारिश की थी। लेकिन, राज्य सरकार OBC आरक्षण को लेकर कोर्ट के आदेश अनुसार ट्रिपल टेस्ट नहीं करा सकी। कोर्ट ने कहा कि OBC आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट को पूरा करने के लिए और समय नहीं दिया जा सकता। बिना OBC आरक्षण के ही स्थानीय निकाय के चुनाव कराए जाएंगे।



कांग्रेस के आरोप



बीजेपी ने गलत आंकड़े पेश किए



मप्र पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष जेपी धनोपिया ने कहा कि जैसी की संभावना थी कि मध्यप्रेदश की भारतीय जनता पार्टी  पिछड़ा वर्ग के साथ षडयंत्र कर रही थी और वह षडयंत्र में सफल हो गई। उसके द्वारा नियुक्त वकील ने भी कहा था कि सुप्रीमकोर्ट से भी महाराष्ट्र जैसा ही निर्णय होगा। इससे साफ है कि योजनाबद्ध तरीके से पिछड़ा वर्ग के लोगों के साथ धोखा किया गया है। यही वजह है कि भाजपा ने प्रदेश में ओबीसी के गलत आंकड़े अदालत में प्रस्तुत कर ज्यादा आरक्षण की मांग की गई। आधी-अधूरी रिपोर्ट होने से सुप्रीमकोर्ट के पास कोई विकल्प ही नहीं था। पिछड़ा वर्ग के साथ धोखा करने का खामियाजा भविष्य में भाजपा का भुगतना पड़ेगा। 



मोहन भागवत का एजेंडा लागू हो गया- अरुण यादव

 

पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव ने स्थानीय निकायों के चुनावों में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर कहा कि हमें इसी बात की आशंका थी। अन्य पिछड़ा वर्ग को लेकर सरकार की घोर लापरवाही के कारण, संघ प्रमुख मोहन भागवत का वह एजेंडा लागू हो गया, जिसमें आरक्षण समाप्ति की बात की गई थी। शिवराज सर​कार की वजह से प्रदेश की 56%आबादी को बीजेपी सरकार के षड्यंत्र के कारण अपने वा​जिब अधिकारों से वंचित होना पड़ेगा। पिछड़ा वर्ग से संबंधित मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी, यह सौदा और षडयंत्र भविष्य में आपके लिए घातक होगा।




— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 10, 2022


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