फरार चल रहे रिश्वतखोर डीएसपी को लोकायुक्त पुलिस ने भोपाल से किया गिरफ्तार, एक डॉक्टर से मांगी थी रिश्वत

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Rajeev Upadhyay
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फरार चल रहे रिश्वतखोर डीएसपी को लोकायुक्त पुलिस ने भोपाल से किया गिरफ्तार, एक डॉक्टर से मांगी थी रिश्वत

Damoh. दमोह के अजाक्स थाने में वर्ष 2003-04 में पदस्थ रहे रिश्वतखोर डीएसपी राजकुमार जायसवाल को सागर लोकायुक्त पुलिस ने भोपाल से गिरफ्तार कर बुधवार की शाम दमोह जिला न्यायालय में पेश किया जिसे जेल भेज दिया गया है। बता दें कि अदालत ने सजा सुनाए जाने के बाद से ही डीएसपी फरार चल रहा था। उसने मामले में बरी होने के लिए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी गुहार लगाई लेकिन 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने भी उसे दोषी माना था। 



15 साल पहले पड़ चुकी है सजा




जानकारी देते हुए सागर लोकायुक्त टीआई मंजू सिंह ने बताया कि अजाक्स डीएसपी रहते हुए एक प्रकरण में जायसवाल ने दमोह के सर्जन डॉक्टर पीतांबर बुधवानी से एक मामले को रफा - दफा करने के एवज में 25000 रुपए की रिश्वत मांगी थी। जिसके बाद उन्होंने लोकायुक्त में शिकायत की थी और डीएसपी जायसवाल को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया था।  दमोह न्यायालय में यह मामला चला और 2007 में उसे 2 साल की सजा सुनाई गई। जिसके बाद जायसवाल ने  हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में अपनी सजा माफ कराने के लिए केस लगाया , लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सजा को यथावत रखते हुए 2017 में अपना फैसला सुनाया । उस समय जयसवाल जमानत पर था और इसी दौरान वह फरार हो गया। पिछले पांच साल से वह वह फरार था। इससे पहले जिला अदालत से सजा सुनाए जाते ही उसे नौकरी से बर्खास्त किया जा चुका था। 



लंबे समय से फरार चल रहे डीएसपी जायसवाल की पुलिस को काफी वक्त से तलाश थी। कुछ दिन पहले ही लोकायुक्त पुलिस को खबर मिली कि जायसवाल भोपाल में छिपा हुआ है।  उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी और उनके द्वारा एक टीम गठित कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।  बुधवार को उसे दमोह न्यायालय में पेश किया गया और जिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण के बाद उसे जेल भेज दिया गया है।


फरार चल रहे रिश्वतखोर डीएसपी को लोकायुक्त पुलिस ने भोपाल से किया गिरफ्तार The punishment was imposed 15 years ago was absconding for 5 years The absconding DSP arrested by Lokayukta police from Bhopal 5 साल से था फरार 15 साल से सजायाफ्ता
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